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'न कोई परमानेंट दोस्त न कोई दुश्मन', राजनाथ ने बताई भारत की रणनीति

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि न कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही कोई स्थायी दुश्मन बल्कि सिर्फ स्थायी हित होते हैं।

Rajnath Singh। Photo Credit: PTI

राजनाथ सिंह । Photo Credit: PTI

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एनडीटीवी डिफेंस समिट 2025 में भारत की रक्षा नीति और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 'कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होते, केवल स्थायी हित होते हैं।' यह बयान अमेरिका के साथ व्यापार तनाव और भारत-चीन संबंधों में सुधार की पृष्ठभूमि में आया है।

 

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की अस्थिर वैश्विक स्थिति में आत्मनिर्भरता न केवल फायदेमंद है, बल्कि जरूरी भी हो गई है। उन्होंने कहा, 'बदलती भू-राजनीति ने साफ कर दिया है कि रक्षा क्षेत्र में बाहरी निर्भरता अब विकल्प नहीं है। यह हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है।'

 

यह भी पढ़ेंः 'शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे,' ट्रंप के कई टैरिफ पर कोर्ट ने लगाई रोक

स्वदेशी युद्धपोत और सुदर्शन चक्र

रक्षा मंत्री ने भारत की स्वदेशी रक्षा के बारे में जिक्र किया। उन्होंने बताया कि नौसेना ने दो स्वदेशी नीलगिरी-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस हिमगिरी और आईएनएस उदयगिरी, को सेवा में शामिल किया है। उन्होंने घोषणा की कि अब भारत सभी युद्धपोत देश में ही बनाएगा और विदेशों से कोई युद्धपोत नहीं खरीदा जाएगा। इसके अलावा, स्वदेशी रक्षा प्रणाली 'सुदर्शन चक्र' जल्द ही वास्तविकता बनेगी।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता  

राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सटीक हमलों, ऑपरेशन सिंदूर, की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की ताकत को दर्शाता है।

रक्षा निर्यात में वृद्धि  

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत का रक्षा निर्यात 2014 में 700 करोड़ रुपये से बढ़कर अब लगभग 24,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह भारत के आयातक से उभरते निर्यातक बनने की यात्रा को दर्शाता है।

वैश्विक व्यापार में चुनौतियां  

सिंह ने वैश्विक व्यापार में युद्ध जैसी स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, और विकसित देश संरक्षणवादी नीतियां अपना रहे हैं। फिर भी, भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता, लेकिन अपने लोगों के हितों की रक्षा करेगा।'

 

यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा के बाद शनिवार को एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन रवाना हुए।

क्या हैं प्रमुख बिंदु-

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'न तो कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही दुश्मन, केवल स्थायी हित होते हैं।' यह बात उन्होंने भारत की विदेश और रक्षा नीति के बारे में कही। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में व्यापार को लेकर युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर 50% कर लगाने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि विकसित देश अब अपने हितों की रक्षा में ज्यादा सख्त हो रहे हैं, लेकिन भारत अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता, लेकिन अपने लोगों के हितों से समझौता नहीं करेगा।'

 

यह बयान तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान की दो दिन की यात्रा के बाद SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन गए।

 

यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी को जापान में जो गुड़िया मिली, उसकी कहानी क्या है?

 

आत्मनिर्भरता की जरूरत: राजनाथ सिंह ने दोहराया कि अस्थिर वैश्विक स्थिति में 'आत्मनिर्भरता सिर्फ एक फायदा नहीं, बल्कि जरूरत बन गई है।' उन्होंने कहा, 'आज की बदलती भू-राजनीति ने साफ कर दिया है कि रक्षा क्षेत्र में बाहरी निर्भरता अब हमारे लिए विकल्प नहीं है। मौजूदा स्थिति में आत्मनिर्भरता हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है।'

 

सुदर्शन चक्र: सिंह ने बताया कि भारत अब सभी भविष्य के युद्धपोत देश में ही बनाएगा और जल्द ही सुदर्शन चक्र रक्षा क्षमा रक्षा प्रणाली का अनावरण होगा।

 

ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी ताकत: ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सटीक सैन्य कार्रवाई ने स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की प्रभावशीलता को दिखाया।

 

भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में वृद्धि: सिंह ने आगे कहा कि भारत के रक्षा निर्यात 2014 में 700 करोड़ रुपये से बढ़कर आज लगभग 24,000 करोड़ रुपये हो गए हैं, जो भारत के आयातक से उभरते निर्यातक बनने की ओर बदलाव को दर्शाता है।


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