गुटखा और पान मसाला जैसी चीजों पर अब अलग से सेस भी लगाया जाएगा। इसे लेकर लोकसभा में बिल पास हो गया है। इसे 'हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025' नाम दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इस बिल को पेश करते हुए बताया कि इस सेस से होने वाली कमाई को स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सेस की कमाई को राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।
शुक्रवार को लोकसभा में बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सेस लगाने की संवैधानिक शक्ति अनुच्छेद 270 में है, जो संसद को किसी खास मकसद से सेस लगाने का अधिकार देता है।
निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि यह सेस गुटखा और पान मसाला बनाने वाली कंपनियों पर लगाया जाएगा। इससे जो कमाई होगी, उसे स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।
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सेस क्यों लगाया जा रहा है?
यह सेस इसलिए लगाया जा रहा है, क्योंकि गुटखा और पान मसाला जैसे तंबाकू उत्पादों पर अभी जो कंपनसेशन सेस लगता है, वह खत्म होने वाला है।
अभी गुटखा और पान मसाला जैसी चीजों पर 28% GST और 60% कंपनसेशन सेस लगता है। इस तरह से कुल 88% टैक्स लगता है। GST काउंसिल ने गुटखा और पान मसाला पर 40% GST लगाने को मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कंपनसेशन खत्म होने के बाद पान मसाला पर सिर्फ 40% GST हो जाएगा, जिससे ऐसी चीजें सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों के सस्ते होने से इसकी खपत बढ़ सकती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। साथ ही सरकार को मिलने वाला रेवेन्यू भी कम हो जाता। उन्होंने कहा, 'हम इसे सस्ता होने और रेवेन्यू का नुकसान होने नहीं दे सकते।'
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फिर कितना लगेगा टैक्स?
निर्मला सीतारमण ने बताया कि गुटखा और पान मसाला जैसी चीजों पर 40% GST लगाया जाएगा। इसके अलावा हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस भी अलग से लगाया जाएगा।
अब यह सेस कितना लगेगा? इसके बारे में बताते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह पान मसाला बनाने वाली फैक्ट्रियों में लगी मशीनों की प्रोडक्शन कैपेसिटी पर निर्भर करेगा।
सेस के अलावा तंबाकू पर भी एक्साइज ड्यूटी लगाई जाएगी। बुधवार को सेंट्रल एक्साइज ऐक्ट 1944 में बदलाव करते हुए एक बिल पास किया था, ताकि तंबाकू पर 40% GST के अलावा एक्साइज ड्यूटी लगाई जा सके।
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इस पैसे को कहां खर्च किया जाएगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सेस से होने वाली कमाई को राष्ट्रीय महत्व की दो चीजों- स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सेस से होने वाली कमाई को राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। स्वास्थ्य राज्यों का विषय है तो राष्ट्रीय सुरक्षा केंद्र सरकार का।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'आज की दुनिया में जहां भरोसेमंद रक्षा क्षमताएं बहुत जरूरी हैं, इसलिए हमें जरूरी संसाधन जुटाने होंगे। मॉडर्न लड़ाइयों में सटीक हथियार, साइबर ऑपरेशन और दूसरी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।'
उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि भारत को यूपीए सरकार की तरह हथियारों, गोला-बारूद और जरूरी उपकरणों की कमी का सामना करना पड़े।