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संचार साथी ऐप से पेगासस जैसा खतरा क्यों? विपक्ष के डर की वजह समझिए

विपक्षी दलों को ऐतराज है कि सरकार इस ऐप के जरिए लोगों पर नजर रखेगी। लोगों ने 'पेगासस' सॉफ्टवेयर की तरह इस ऐप पर शक जताया है।

KC Venugopal

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल। (Photo Credit: PTI)

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संचार साथी ऐप पर केंद्र सरकार घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग (DoT) के उस निर्देश को असंवैधानिक बताया है, जिसमें नए मोबाइल हैंडसेट में 'संचार साथी' ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य किया गया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे असंवैधानिक बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि यह कदम 'बिग बॉस' की तरह निगरानी करने जैसा है और अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है। उन्होंने इसे नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर कथित तौर पर हो रहे लगातार हमलों का हिस्सा बताया।

दूरसंचार विभाग ने सोमवार को भारत में बिक्री के लिए निर्मित और आयातित सभी नए मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। निर्देश के अनुसार, निर्माताओं को यह तय करना होगा कि डिवाइस सेटअप के वक्त ऐप भारतीय ग्राहकों के लिए आसानी से उपलब्ध हो और इसकी कार्यक्षमता को डिसेबल या प्रतिबंधित न किया जा सके। पहले से बाजार में मौजूद या निर्मित डिवाइसों के लिए, सरकार ने निर्माताओं और आयातकों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। आइफोन और सैमसंग जैसी कंपनियों को इस आदेश के अनुपालन के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।

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'पेगासस' जैसा खतरा क्यों महसूस कर रहा है विपक्ष?

  • कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत जारी इस निर्देश पर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह ऐप, हर नागरिक की हर गतिविधि, बातचीत और फैसले पर नजर रखने का एक जरिया है।

  • केसी वेणुगोपाल ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का एक आंतरिक हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'हम इस निर्देश को खारिज करते हैं और इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।'

  • केसी वेणुगोपाल ने कहा इसे निजता अधिकार का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह कदम भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमलों का एक हिस्सा है, जिसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

संचार विभाग का निर्देश क्या है?

दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल निर्माताओं और आयातकों को यह निर्देश जारी किया है। निर्माताओं को यह तय करना होगा कि ऐप पहली बार इस्तेमाल करते वक्त, डिवाइस सेटअप के वक्त साफ तौर पर दिखाई दे। आइफोन, ओप्पो, वीवो, रेडमी, और सैमसंग सहित सभी प्रमुख कंपनियों को इस आदेश के पालन के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। कंपनियों को 120 दिनों के भीतर एक कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। संचार विभाग का कहना है कि यह फैसला, नागरिकों को नकली हैंडसेट खरीदने से बचाएगा, फ्रॉड रोकेगा और उन्हें ऐप धोखाधड़ी के प्रति आगाह करेगा।

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क्या है 'संचार साथी' ऐप?

मई 2023 में यह पोर्टल लॉन्च हुआ था। यह पोर्टल मोबाइल ग्राहकों की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए बनाया गया है। यह खोए हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट करने और उन्हें ब्लॉक करने की इजाजत देता है। उपयोगकर्ता यह जान सकते हैं कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं। यह हैंडसेट के असली होने की जांच करने और बैंकों या वित्तीय संस्थानों के फोन नंबरों की जांच करने में मदद करता है। यह ऐप भारतीय नंबर के साथ आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल की सच्चाई बता सकते है। इसके लिए फोन पर ओटीपी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती है। यह पोर्टल इतना एडवांस है कि ऐप के जरिए रिपोर्ट करते वक्त यूजर को अपना IMEI नंबर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। 

संचार साथी ऐप का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं लोग?

संचार साथी ऐप की मदद से अब तक 42.14 लाख से ज्यादा लोग मोबाइल ब्लॉक करा चुके हैं। खोए या चोरी हुए 26.11 लाख से ज्यादा मोबाइल पकड़े जा चुके हैं। 288 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड कनेक्शनों की जानकारी मांगी है, जिनमें से 254 लाख से ज्यादा लोगों की समस्याओं का निपटारा हुआ है। गूगल प्लेस्टोर से इस ऐप को 1 करोड़ से ज्यादा और आइफोन स्टोर से 9.5 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।|

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पेगासस की तरह खतरा क्यों मान रहे हैं लोग?

  • पेगासस एक इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का एक स्पाईवेयर है, जो मोबाइल फोन में बिना क्लिक के कॉल, मैसेज, लोकेशन और कैमरा एक्सेस कर लेता है। 2021 के पेगासस कांड में पत्रकारों-विपक्षियों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया, जिससे गोपनीयता पर सवाल उठे। सरकार ने इन आरोपों को एक सिरे से खारिज किया।

  • अब विपक्ष संचार साथी ऐप को 'पेगासस का देसी वर्जन' बता रहा है। दूरसंचार विभाग के 28 नवंबर 2025 के आदेश से सभी नए स्मार्टफोन में यह ऐप पूर्व-स्थापित होगा, जो हटाया नहीं जा सकेगा। यह चोरी के फोन ब्लॉक करने, फ्रॉड रिपोर्टिंग और आईएमईआई वेरिफिकेशन के नाम पर डिवाइस आईडी, सिम डेटा तक की जानकारी रखेगा।

  • कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसे खतरा बताया है, उन्होंने कहा है कि यह गोपनीयता उल्लंघन होगा। डिजिटल अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले समूह इसे निगरानी के लिए लॉन्च किया इंस्ट्रूमेंट बता रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर हंगामा होने के आसार हैं। 

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