हिमाचल में लैंडस्लाइड के मलबे में दबी बस, 10 की मौत कई घायल
हिमाचल के बिलासपुर में लैंडस्लाइड की चपेट में आने से एक बस मलबे के नीचे दब गई इस दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: X/@sidhshuk
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में शुक्रवार सुबह एक भयावह हादसा हो गया जिसमें 10 लोगों की जान चली गई। मरोतन से घुमारवीं जा रही एक प्राइवेट बस पर बरठीं के समीप भल्लू पुल के पास अचानक पहाड़ी से भारी भूस्खलन का मलबा गिर गया। देखते ही देखते बस मलबे की चपेट में आ गई। हादसा इतना भीषण था कि बस पलभर में मिट्टी और पत्थरों के ढेर में दब गई। इस दुर्घटना में अब तक 10 लोग मारे जा चुके हैं जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों का उपचार बरठीं अस्पताल में चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, बस में करीब 35 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। हादसा सुबह करीब साढ़े छह बजे हुआ, जब बस बरठीं से कुछ किलोमीटर दूर थी। मलबे के वजन से बस का ऊपरी हिस्सा टूटकर अलग जा गिरा और पूरी बस पत्थरों के नीचे दब गई। स्थानीय लोगों ने शोर सुनते ही मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया और प्रशासन को सूचना दी।
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Bilaspur, Himachal Pradesh | At least 10 people killed and several others injured after a private bus was hit by a landslide in the Balurghat area of Jhandhuta subdivision in Himachal Pradesh’s Bilaspur district.
— ANI (@ANI) October 7, 2025
Excavation and rescue operations are continuing on a war footing.… pic.twitter.com/LYH5gHXOJE
ड्राइवर-कंडक्टर की मौत
अभी तक 10 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि दो बच्चियों और एक बच्चे को जीवित बाहर निकाल लिया गया है। बचाए गए बच्चों में से एक बच्ची की मां का शव भी मलबे से बरामद हुआ है। घायलों को तत्काल बरठीं अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने मृतकों की पहचान प्रक्रिया शुरू कर दी है, हालांकि कई शव क्षतिग्रस्त स्थिति में मिलने के कारण पहचान में कठिनाई हो रही है।
बस के ड्राइवर और कंडक्टर की मौके पर ही मौत हो गई। बिलासपुर के अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ने बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें लगातार मलबा हटाने में जुटी हैं।
मृतकों को 2 लाख रुपये मुआवजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएमओ की ओर से एक्स पर जारी पोस्ट में कहा गया, 'हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुए हादसे में हुई जनहानि से दुखी हूं। इस मुश्किल घड़ी में हादसे से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’ प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
Saddened by the loss of lives due to a mishap in Bilaspur, Himachal Pradesh. My thoughts are with the affected people and their families during this difficult time. Praying for the speedy recovery of the injured.
— PMO India (@PMOIndia) October 7, 2025
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next…
डिप्टी सीएम रवाना
घटना की जानकारी मिलते ही उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कुल्लू दशहरा का कार्यक्रम रद्द कर तुरंत हादसा स्थल के लिए रवाना हो गए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाते हुए मौके पर राहत व्यवस्था की निगरानी शुरू कर दी।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘बिलासपुर के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बालूघाट के पास हुए भीषण भूस्खलन की ख़बर ने मन को भीतर तक झकझोर दिया है। इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ मज़बूती से खड़ी है।’
बिलासपुर ज़िला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बालूघाट (भल्लू पुल) के पास हुए भीषण भूस्खलन की ख़बर ने मन को भीतर तक झकझोर दिया है।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 7, 2025
इस भारी भूस्खलन में एक प्राइवेट बस के चपेट में आने से 10 लोगों के निधन का दु:खद समाचार मिला है और कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू… pic.twitter.com/GBZslb36CP
उन्होंने जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि घायलों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया जाए और उनके इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए। वे शिमला से लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं।
बरसात के बाद बढ़ा खतरा
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में हाल के हफ्तों में लगातार भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं। मानसूनी बारिश के बाद कई पहाड़ी इलाकों की मिट्टी ढीली हो चुकी है, जिससे सड़कों के किनारे पहाड़ों का खिसकना आम हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंधाधुंध सड़क निर्माण, पेड़ों की कटाई और नालों के बंद होने से ऐसे हादसों का खतरा और बढ़ गया है।
बिलासपुर बस हादसे ने पूरे हिमाचल को शोक में डुबो दिया है।
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मृतकों के परिवार में मातम पसरा है और लोग अपने प्रियजनों के इंतजार में मलबे के किनारे खड़े हैं। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। राहत कार्य जारी है और उम्मीद की जा रही है कि मलबा हटने के बाद सही आंकड़ा सामने आएगा।
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