पश्चिम बंगाल में SIR पर हंगामा, बिहार से कितनी अलग है यहां की प्रक्रिया?
पश्चिम बंगाल में SIR की शुरुआत हो चुकी है। चुनाव आयोग की इस पहल पर सियासत भी शुरू है। बिहार से अलग यहां की चुनौतियां क्या हैं, विस्तार से समझते हैं।

पश्चिम बंगाल में वोटर फॉर्म सौंपते बूथ लेवल अधिकारी। (Photo Credit: Election Commission)
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर सियासी हंगामा बरपा है। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि अल्पसंख्यक वोटरों को निशाने बनाने की साजिश रची जा रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे पश्चिम बंगाल के लिए अनिवार्य बता रही है। साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान SIR पर ही मच गया है।
भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि SIR लागू होने के बाद राज्य की मतदाता सूची ज्यादा पारदर्शी होगी और केवल योग्य वोटरों का नाम ही वोटर लिस्ट में होगा। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि साल 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर हेरफेर करने का प्लान तैयार किया गया है। पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया शुरू होते ही सियासी जंग छिड़ गई है। लोग कह रहे हैं कि अब प्रशासनिक और संगठनात्मक टकराव बढ़ने के आसार हैं।
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कब से कब तक होगा SIR?
SIR की प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच तक चलेगी। बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेंगे।
TMC-BJP क्या कह रही है?
ममता बनर्जी का कहाना है कि यह SIR राजनीति से प्रेरित है, इसमें उनके वोटर और अल्पसंख्यक वोटरों के नाम को बाहर किया जाएगा। बीजेपी का कहना है कि फर्जी और प्रशासनिक मदद से पश्चिम बंगाल में 40 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट नाम शामिल किए गए हैं। बीजेपी का कहना है कि SIR सही ढंग से होगा तो 1 करोड़ नाम बाहर हो जाएंगे। बीजेपी ने दावा किया है कि साल 2024 के विधानसभा चुनाव में 40 लाख से ज्यादा फर्जी नाम वोटर लिस्ट में मौजूद थे।  
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कब वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी होगा?
SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद 9 दिसंबर को ड्राफ वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी। 8 जनवरी तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी। अंतिम सूची अप्रैल-मई में होने वाले 2026 के विधानसभा चुनावों से ठीक दो महीने पहले सात फरवरी को जारी की जाएगी।
तारीखें जिन्हें याद रखना जरूरी है
- 28 अक्तूबर से 3 नवंबर तक SIR की प्रिंटिंग और ट्रेनिंग चली है।
 - 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक वोटरों से जुड़ी जानकारियां जुटाई जाएंगी।
 - 9 दिसंबर को इलेक्टोरल रोल जारी किया जाएगा।
 - 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी।
 - 9 दिसंबर 2026 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई होगी, सत्यापन किया जाएगा।
 - 7 फरवरी 2026 को अंतिम इलेक्टोरल रोल जारी होगा।
 
पश्चिम बंगाल में SIR की चुनौती क्या है?
बिहार में विपक्ष का आरोप था कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर वैध वोटों को बाहर करने की योजना तैयार कर रहे हैं। विपक्ष ने राहुल गांधी की अगुवाई में वोटर अधिकार यात्रा निकाली। खूब सियासत हुई लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत पड़ गया। पश्चिम बंगाल में यह मामला, बिहार से अलग है। वहां इसे लेकर अभी से सियासत शुरू की जा रही है। 
चुनाव आयोग ने बिहार के संदर्भ में तर्क दिया था कि शहरीकरण, पलायन, नए युवा मतदाता और फर्जी नामों की वजह से SIR जरूरी था। बिहार के अनुभव से सबक लेकर बदलाव किए गए हैं। अब पहले चरण में कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। पश्चिम बंगाल के वोटरों से सिर्फ फॉर्म भरवाया जाएघा। अगर पुरानी वोटिंग लिस्ट में नाम मिल जाएगा तो दस्ताजेव की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
नए नोटिफिकेशन में पहले से बड़ा फर्क यह है कि पहला फेज दस्तावेज-मुक्त होना चाहिए।  बिहार में SIR पर हिंसा और बवाल नहीं हो पाया लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा होने की आशंका जताई जा रही है। पश्चिम बंगाल में चुनौती ज्यादा है। वहां सरकार, चुनाव आयोग, राजनीतिक दलों के बीच टकराव और राजनीतिक हिंसा का इतिहास है। राज्य का रुख भी अभी बहुत सहयोगात्मक नहीं है, इसलिए प्रक्रिया जटिल हो सकती है। 
कैसे होगा SIR?
BLO घर-घर जाकर SIR की प्रक्रिया पूरी कराएंगे। BLO को आपके बूथ के सभी वोटरों की जानकारी पहले से होगी। आने से पहले सूचना दी जाएगी। अगर लोग पहली बार नहीं मिलेंगे तो वे 3 बार फिर से आएंगे। किसी भी योग्य वोटर का नाम नहीं छोड़ा जाएगा। 
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किन दस्तावेजों को तैयार रखना होगा?
- BLO परिवार के हर वोटर के लिए दो-दो फॉर्म देंगे। दोनों भरकर साइन करना है।
 - बीएलओ भी साइन करेंगे। एक फॉर्म रख लेंगे, दूसरा स्टैंप लगाकर आपको दे देंगे।
 - मौजूदा वोटर कार्ड, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, और 2002 की वोटर लिस्ट (अगर आपका या माता-पिता/दादा-दादी का नाम हो)।
 - कोई कागजात की कॉपी लगाने की जरूरत नहीं।
 - अगर 2002 लिस्ट में नाम नहीं, तो बाद में नोटिस आएगा।
 - चुनाव आयोग के 11 दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करनी होगी। अंतिम लिस्ट अगले साल आएगी।
 - 2002 लिस्ट यहां देखें
 - बाहर गए परिवार वालों का फॉर्म कैसे भरा जाएगा?
 - अगर सारे दस्तावेज उपलब्ध हों तो परिवार का कोई भी सदस्य यह फॉर्म भर सकता है।
 
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