वीर बाल दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं और बच्चों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते 4 साल में वीर बाल दिवस की नई परंपरा ने साहिबजादों की प्रेरणाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया है। उन्होंने Gen Z और Gen अल्फा पर भरोसा जताते हुए कहा कि यही जेनरेशन भारत को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएगी। उन्होंने युवाओं को नसीहत भी दी कि वे फोकस होकर काम करें और शॉर्ट टर्म पॉपुलैरिटी के चक्कर में न फंसें।
वीर बाल दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जब भी 26 दिसंबर का ये दिन आता है तो मुझे यह तसल्ली होती है कि हमने साहिबजादों की वीरता से प्रेरित 'वीर बाल दिवस' मनाना शुरू किया गया। बीते 4 वर्षों में वीर बाल दिवस की नई परंपरा ने साहिबजादों की प्रेरणाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया है। वीर बाल दिवस ने साहसी और प्रतिभावान युवाओं के लिए एक मंच भी तैयार किया है। हर साल जो बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों में देश के लिए जो कुछ कर दिखाते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।'
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Gen Z के लिए क्या बोले पीएम मोदी?
दिल्ली में युवाओं और बच्चों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'यहां मेरा युवा भारत संगठन से जुड़े इतने सारे युवा यहां उपस्थित हैं। एक तरह से आप सभी Gen Z हैं। Gen अल्फा भी है। आप की जेनरेशन ही भारत को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएगी। मैं Gen Z की योग्यता, आपका आत्मविश्वास देखता हूं, समझता हूं और इसलिए आप पर बहुत भरोसा करता हूं। हमारे यहां कहा गया है-बालादपि गृहीतव्यं युक्तमुक्तं मनीषिभिः अर्थात अगर छोटा बच्चा भी कोई बुद्धिमानी की बात करे तो उसे ग्रहण करना चाहिए। यानी उम्र से कोई छोटा नहीं होता और कोई बड़ा भी नहीं होता।'
'शॉर्ट टर्म पॉपुलैरिटी की चमक-धमक में न फंसें'
डिजिटल इंडिया की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'डिजिटल इंडिया की सफलता के कारण आपके पास इंटरनेट की ताकत है, आपके पास सीखने का संसाधन है। जो साइंस, टेक या स्टार्टअप्स में आगे जाना चाहते हैं तो उनके लिए स्टार्टअप इंडिया मिशन है। ऐसे तमाम मंच आपको आगे बढ़ाने के लिए हैं। आपको बस फोकस रहना है और इसके लिए जरूरी है कि आप शॉर्ट टर्म पॉपुलैरिटी की चमक-धमक में न फंसें। आपको अपनी सफलता को केवल अपने तक सीमित नहीं मानना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए, आपकी सफलता देश की सफलता बननी चाहिए।'
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उन्होंने आगे कहा, 'पहले युवा सपने देखने से भी डरते थे क्योंकि पुरानी व्यवस्थाओं में यह माहौल बन गया था कि कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। चारों ओर निराशा का वातावरण था लेकिन आज देश टैलेंट को खोजता है, उन्हें मंच देता है।'