सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई की अदालत में एक वकील ने उन पर जूते से हमला करने की कोशिश की है। वकील ने जस्टिस गवई के ऊपर जूता फेंकने कोशिश की। गनीमत यह रही कि वहां सुरक्षाकर्मी मौजूद थे और उन्होंने तत्काल कुछ बड़ा हंगामा होने से रोक दिया। सुरक्षाकर्मियों ने वकील को बाहर निकाल दिया। वकील ने जस्टिस गवई पर सनातन धर्म के अपमान का आरोप लगाया था।
जस्टिस गवई पर हमला करने वाले वकील को हिरासत में लिया गया है। जब कोर्ट से वकील को सुरक्षाकर्मी बाहर लेकर जा रहे थे, तब वह नारे भी लगा रहा था। वकील ने 'सनातन का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान', जैसे नारे भी लगाए। वकील के हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया काफी देर तक बाधित रही। शख्स को बाहर करने के बाद कोर्ट की कार्यवाही फिर से शुरू की गई। शख्स बाहर ले जाते वक्त बार-बार 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगा रहा था।
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सुप्रीम कोर्ट के भीतर मौजूद कुछ लोगों ने दावा किया कि शख्स ने जूता मारने की कोशिश की थी, वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि वह कागज का बंडल फेंक रहा था। हमला करने वाला शख्स वकील की ड्रेस में आया था।
बीआर गवई, चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट:-
परेशान मत होइए। मैं परेशान नहीं हूं। इन सब बातों से मैं परेशान नहीं होता हूं।
हमले के बाद CJI गवई का हाल क्या?
जस्टिस गवई हमले के बाद भी सहज नजर आए। वह सुनवाई करते रहे। उन्होंने बगल में खड़े एक वकील से कहा कि वह अपनी दलीलें सामने रखे। जस्टिस गवई ने कहा कि हमें इन बातों से फर्क नहीं पड़ता है।
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क्यों शख्स ने किया हमला?
मध्य प्रदेश के खुजराहो में जवारी मंदिर है। मंदिर अब जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पहुंच गया है। यहां भगवान विष्णु की एक 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति है। मूर्ति की मरम्मत के लिए एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। चीफ जस्टिस बीआर गवई ने इस पर जो बयान दिया था, उस पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी।
जस्टिस बीआर गवई ने याचिका को पब्लिसिटी स्टंट बताया था और कहा था, 'जाओ और खुद भगवान से कुछ करने के लिए कहो। अगर तुम कह रहो हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो तो तुम प्रार्थना करो और थोड़ा ध्यान करो।'
यह याचिका राकेश दलाल ने दायर की थी। केस की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने की थी। याचिका खारिज कर दी गई थी।