लेह में बुधवार को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, लेह में यह विरोध प्रदर्शन पुलिस के साथ झड़प में बदल गया। जैसे-जैसे यह विवाद आगे बढ़ा लोगों ने बीजेपी ऑफिस को फूंक दिया।
खबरों के मुताबिक इस दौरान विरोध प्रदर्शनकारियों ने जमकर पत्थरबाजी की और पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। स्थिति को बिगड़ता हुआ देखकर प्रदर्शन वाली जगह पर अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती की गई है और स्थिति अभी नियंत्रण में है।
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सोनम वांगचुक ने क्या कहा
इस बीच सोनम वांगचुक ने कहा, 'अनशन के 15वें दिन यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि लेह शहर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ होने लगी। कई कार्यालयों को तोड़ा गया और आग लगा दी गई, साथ ही पुलिस की भी गाड़ियों को भी आग लगा दी गई।'
आगे उन्होंने कहा, 'दो लोग जो कि 35 दिनों से अनशन पर बैठे थे उनमें से दो लोगों को काफी गंभीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे लोगों में काफी रोष जागा और पूरे लेह शहर में बंद की घोषणा की गई और हजारों की संख्या में युवा पीढ़ी के लोग बाहर आ गए।'
हिंसा के लिए की मनाही
सोनम वांगचुक ने हिसा के लिए मनाही करते हुए कहा कि यह हमारा रास्ता नहीं है। उन्होंने युवा पीढी से अपील करते हुए कहा कि जो भी हो वे हिंसा के रास्ते पर न चलें क्योंकि यह 5 सालों की कोशिश को नाकाम कर देता है। उन्होंने कहा, 'अगर हम इतने सालों से पदयात्रा कर रहे हैं, अनशन कर रहे हैं शांति से तो हिंसा हमारा रास्ता नहीं है और सरकार से भी अपील है कि सरकार भी हमारी बात को सुने।' उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह लद्दाख को लेकर संवेदनशील बने।
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सरकार ने बुलाई है बैठक
हालांकि, केंद्र सरकार ने लद्दाख पर बात करने के लिए प्रतिनिधियों की बैठक 6 अक्तूबर को बुलाई है। दरअसल, सोनम वांगचुक पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। लद्दाख में यह आंदोलन बीते 15 दिनों से चल रहा है। हालांकि, कथित तौर पर अनशन करने वाले दो लोगों के बीमार होने पर स्थिति हिंसक हो गई।