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MK फैजी गिरफ्तार, कई शहरों में छापेमारी, SDPI के पीछे क्यों पड़ गई ED?

SDPI के मुखिया एम के फैजी को हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया है। अब कई शहरों में SDPI से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी भी की गई है। आरोप है कि SDPI के तार पीएफआई से जुड़े हुए हैं।

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SDPI के मुखिया एमके फैजी, Photo Credit: Khabargaon

सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आरोप है कि यह पार्टी प्रतिबंधित संगठन पीपल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से पैसे ले रही है और जिहाद के अजेंडे पर काम कर रही है। ईडी ने SDPI के अध्यक्ष एम के फैजी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। आज यानी गुरुवार को भी ईडी ने देश के कई शहरों में इसी केस के संबंध में छापेमारी की है। ईडी ने एमके फैजी को सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले, 28 फरवरी को ईडी ने केरल में उनके घर पर छापेमारी भी की थी।

 

एम के फैजी को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने अपनी ओर से एक प्रेस रिलीज जारी की थी। इसमें ईडी ने कहा था कि कोझिकोड में पीएफआई के राज्य मुख्यालय से मिले एक दस्तावेज में इस बात का जिक्र था कि उसी ने SDPI और इसके जैसे कई फ्रंटल संगठन बनाए थे। ईडी का कहना है, 'ऐसे कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि पीफआई ही SDPI की फंडिंग करता था और उसकी गतिविधियों पर नजर भी रखता है। यहां तक कि पीएफआई और SDPI के काडर में शामिल लोग भी एक ही हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों के चयन का काम भी PFI ही करता रहा है।' ईडी का दावा है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि साल 2019 के चुनावों के दौरान पीएफआई ने SDPI को 3.17 करोड़ रुपये दिए।

 

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ईडी ने यह भी कहा है कि एम के फैजी को कई बार समन भेजे गए और 12 बार मौका दिया गया लेकिन वह कभी पेश नहीं हुए और जांच में कोई सहयोग नहीं किया गया। बताते चलें कि ईडी ने अभी तक कुल 61.72 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है। यह संपत्ति उस केस में जब्त की गई है जिसमें NIA ने साल 2013 में एफआईआर दर्ज की थी और लगातार जांच की जा रही है। इसी केस में अभी तक पीएफआई के कुल 26 सदस्यों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

12 जगहों पर छापेमारी

 

अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ईडी ने कुल 12 जगहों पर छापेमारी की। दिल्ली में स्थित SDPI के मुख्यालय के अलावा तिरुवनंतपुरम, मलप्पुरम, केरल, बेंगलुरु, नान्द्याल, आंध्र प्रदेश, ठाणे, चेन्नई, पाकुड़, झारखंड, कोलकाता, लखनऊ और जयपुर में भी गुरुवार को छापेमारी की गई है।

 

कौन हैं एम के फैजी?

 

एम के फैजी का पूरा नाम मोइद्दीन कुट्टी फैजी है। वह मूलरूप से केरल के पलक्कड़ के रहने वाले हैं। वह साल 2018 से ही SDPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पूर्व में वह राम मंदिर के मुद्दे पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते भी चर्चा में आए थे। तब एम के फैजी ने लिखा था कि वह जगह मस्जिद की है और वहां कुछ भी बन जाए, भविष्य में उसे ढहाकर मस्जिद ही बनाई जाएगी। 

 

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SDPI की स्थापना 21 जून 2009 को हुई थी और 13 अप्रैल 2010 को इसे चुनाव आयोग में रजिस्टर करवाया गया था। दिल्ली के अलावा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी में भी इस पार्टी ने राज्य अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी नियुक्त किए हुए हैं।

PFI का क्या हुआ?

 

28 सितंबर 2022 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत पीएफआई पर बैन लगा दिया था। इस संगठन पर टेरर फंडिंग में संलिप्त होने और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने जैसे आरोप लगे थे। ईडी और एनआईए जैसी एजेंसियों ने पूरे देश में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी करके कई तरह के सबूत जुटाने का भी दावा किया था। इसके बाद पीएफआई और उससे जुड़े 8 संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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