जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इस व्यक्ति पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों की मदद करने का आरोप है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर श्रीनगर पुलिस ने कुलगाम के रहने वाले मोहम्मद यूसुफ कटारिया को गिरफ्तार किया। वह एक ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) है और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और इसके सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़ा था। कटारिया ने पहलगाम हमले के लिए आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट (सामान और सहायता) दिया था। ये आतंकी बाद में ऑपरेशन महादेव में मारे गए।
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कौन है मोहम्मद यूसुफ?
मोहम्मद यूसुफ कटारिया कुलगाम का रहने वाला है और एक कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी करता था। वह स्थानीय बच्चों को पढ़ाने का काम भी करता था। पुलिस के मुताबिक, वह कुछ महीने पहले आतंकियों के संपर्क में आया और उनकी मदद करने लगा।
चलाया था ऑपरेशन महादेव
पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीन आतंकियों को सेना के विशेष पैरा कमांडो ने मार गिराया था। इनमें सुलेमान उर्फ फैजल, जिबरान और हमजा अफगानी शामिल थे। सुलेमान को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जाता था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि ये तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। उन्होंने कहा, 'सुलेमान और अफगानी ए-कैटेगरी के आतंकी थे, जबकि जिबरान भी एक कुख्यात आतंकी था।'
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हथियारों से मिला सबूत
पुलिस ने ऑपरेशन महादेव में जब्त किए गए हथियारों की जांच की, जिसके बाद कटारिया को गिरफ्तार किया गया। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए हथियार और गोलियां वही थीं, जो आतंकियों से बरामद की गई थीं। अमित शाह ने कहा, 'फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि हमले में इस्तेमाल गोलियां और बरामद हथियार एक ही हैं।'
22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन TRF ने ली।