प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक रैली को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने नेपाल को अपना करीबी दोस्त बताया। पीएम ने मणिपुर में विभिन्न संगठनों से हिंसा छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के लोगों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है और इस हिंसाग्रस्त प्रांत को शांति व समृद्धि का प्रतीक बनाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाली सुशीला कार्की को भी बधाई दी। पीएम ने कहा कि भारत और नेपाल साझा इतिहास और दोनों आस्था से जुड़े हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'मणिपुर की इस धरती से मैं नेपाल के मेरे साथियों से भी बात करूंगा। हिमालय की गोद में बसा नेपाल भारत का एक मित्र है। करीबी दोस्त है। हम साझा इतिहास से जुड़े हैं, आस्था से जुड़े हैं।
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हिंसा भड़कने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा
मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर की अपनी पहली यात्रा के दौरान कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने मणिपुर को आशा और आकांक्षा की भूमि बताया और कहा कि ‘दुर्भाग्य से हिंसा ने इस खूबसूरत क्षेत्र पर अपनी छाया डाल दी’ है।
बता दें कि मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़की थी। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद पीएम की यह पहली यात्रा है। उन्होंने राज्य के कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए मणिपुर को आशा और आकांक्षा की भूमि बताया और कहा कि ‘दुर्भाग्य से हिंसा ने इस खूबसूरत क्षेत्र पर अपनी छाया डाल दी’ है।
लोगों ने शांति का रास्ता चुना
उन्होंने कहा, 'कुछ देर पहले, मैं एक राहत शिविर में प्रभावित लोगों से मिला। उनसे मिलने के बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मणिपुर में आशा और विश्वास के एक नया सवेरा का उदय हो रहा है। किसी भी जगह विकास की जड़ें जमाने के लिए शांति जरूरी है। पिछले 11 सालों में पूर्वोत्तर में कई संघर्ष और विवाद सुलझ गए हैं। लोगों ने शांति का रास्ता चुना है और विकास को प्राथमिकता दी है।'
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भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ
लंबे समय से जारी जातीय हिंसा के बावजूद राज्य का दौरा ना करने को लेकर विपक्ष की तीखी आलोचना झेल रहे प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र की कोशिशों के नतीजे मिलने लगे हैं। उन्होंने कहा, 'हमने देखा है कि हाल ही में पहाड़ी और घाटी में... विभिन्न समूहों के साथ समझौतों पर बातचीत हुई है। ये भारत सरकार के संवाद, सम्मान और आपसी समझ को महत्व देते हुए शांति स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा हैं। मैं सभी संगठनों से शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने और अपने सपनों को साकार करने की अपील करता हूं। मैं आपके साथ हूं... भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है। हम मणिपुर को शांति, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक बनाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं।'
विकास कार्यों का किया जिक्र
राज्य के विकास के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पहले दिल्ली में लिए गए फैसलों को यहां तक पहुंचने में दशकों लग जाते थे, लेकिन अब मणिपुर देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में अच्छे स्कूल और अस्पताल सिर्फ एक सपना हुआ करते थे। आज केंद्र के प्रयासों से यह स्थिति बदल रही है। चूड़ाचांदपुर में अब एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो गया है।
मणिपुर को हजारों करोड़ का तोहफा
उन्होंने कहा, 'आजादी के दशकों बाद भी मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था। हमारी सरकार ने इस जरूरत को पूरा किया है। आयुष्मान भारत योजना के जरिए केंद्र सरकार पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया करा रही है। अकेले मणिपुर में ही इस योजना के तहत 2.5 लाख से अधिक मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। भारत तेज गति से विकास कर रहा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। ‘मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि विकास का फायदा देश के हर कोने तक पहुंचे।'
इसके अलावा पीएम मोदी ने इस समारोह में 7,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं मणिपुर के लोगों खासकर पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को और बेहतर बनाएंगी।