वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि टैरिफ और अन्य दूसरे तरीकों के जरिये वैश्विक व्यापार 'हथियार बनता जा रहा है', उन्होंने चेतावनी दी कि बदलते ग्लोबल माहौल में भारत को सावधानी से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की समग्र मजबूती देश को अतिरिक्त फायदा देगी।
सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि व्यापार स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा, 'शुल्क और अन्य कई उपायों के जरिए व्यापार को हथियार बनाया जा रहा है। भारत को इसलिए सावधानीपूर्वक बातचीत करनी होगी और केवल टैरिफ से निपटना काफी नहीं होगा... बल्कि मुझे लगता है कि हमारी समग्र आर्थिक मजबूती ही हमें वह अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी।'
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भारत को उपदेश...
उन्होंने कहा, 'भारत को यह कहकर उपदेश दिया जा सकता है कि आप (भारत) बहुत अंतर्मुखी हैं, आप टैरिफ के बादशाह हैं इत्यादि। हालांकि शुल्क का दुरुपयोग हथियार के रूप में किया गया है।' उन्होंने ने कहा कि भारत का इरादा कभी भी शुल्क का इस्तेमाल हथियार के रूप में करने का नहीं रहा।
सीतारमण ने कहा कि भारत ने केवल अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा की है ताकि वे ऐसे हालात से बच सकें जहां कोई 'शिकारी' (देश/कंपनी) अपने सस्ते या अत्यधिक सामान को बाजार में लाकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
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वित्त मंत्री का ट्रंप को संदेश
वित्त मंत्री ने कहा कि आज व्यापार का हथियार के रूप में इस्तेमाल बिना किसी आलोचना के हो रहा है और कुछ देश कहते हैं कि टैरिफ अच्छे नहीं हैं और किसी को भी यह कदम नहीं उठाना चाहिए लेकिन 'अचानक नए लोग सामने आकर कहते हैं कि हम टैरिफ बाधाएं खड़ी करेंगे और इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता। इसलिए ऐसा लगता है कि यही नया सामान्य चलन बन गया है।'
वित्त मंत्री सीतारम का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार में कई बड़े बदलाव आए हैं। भारत भी इससे प्रभावित हुआ है। वहीं, मैक्सिको ने भी हाल ही में उन देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा की है जिनके साथ उसके मुक्त व्यापार समझौते नहीं हैं।