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ऐक्टिव SIM के बिना नहीं चलेगा WhatsApp, केंद्र के नए सख्त नियम जान लीजिए

नए नियमों के बाद अब अलग सिम वाले फोन पर WhatsApp इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस पर आसानी से नहीं जा सकेंगे। इस जानकारी को विस्तार से जानने के लिए खबर पढ़ें...

new SIM binding rules

व्हाट्सएप।

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केंद्र सरकार ने साइबर नियमों को और कड़ा करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस सिलसिले में सरकार ने कहा है कि व्हाट्सएप, सिग्नल, टेलीग्राम और अन्य ऐप-आधारित संचार सेवाएं केवल 'ऐक्टिव सिम' के साथ ही काम करेंगी। इस तरह से लोग अब बिना एक्टिव सिम कार्ड वाले डिवाइस पर WhatsApp, Telegram या Signal जैसे ऐप्स नहीं चला पाएंगे।

 

इसका मतलब है कि अब अलग सिम वाले फोन पर WhatsApp इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस पर आसानी से नहीं जा सकेंगे, और इन मैसेजिंग ऐप्स के वेब वर्शन पर ज्यादा बार लॉगआउट करना होगा। 28 नवंबर, 2025 को जारी किया गया यह नोटिफिकेशन तुरंत लागू हो गया है। नए सिम-बाइंडिंग नियम भारतीयों के मैसेजिंग ऐप्स इस्तेमाल करने के तरीके को बदल देंगे।

 

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सरकार के दिशा-निर्देश क्या हैं?

नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए सरकार ने कहा है कि भारत में ऐप-आधारित संचार सेवाएं देने वाली सभी कंपनियों को निर्देश जारी होने के 120 दिन के भीतर दूरसंचार विभाग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी। इसमें दूरसंचार मंत्रालय ने संचार सेवाएं देने वाली कंपनियों को चेतावनी भी दी है कि नियमों का पालन नहीं करने पर दूरसंचार अधिनियम-2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश भारत में व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अरतई, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट, जोश सहित सभी मैसेजिंग ऐप की सेवाओं तक यूजर्स की पहुंच को प्रभावित करेगा।

मैसेजिंग सेवाएं केवल तभी काम करेंगी...

केंद्र के नए निर्देशों का मतलब है कि ये मैसेजिंग सेवाएं केवल तभी काम करेंगी जब यूजर के मोबाइल फोन, टैबलेट और अन्य में सिम कार्ड लगा हो या सक्रिय स्थिति में हो। दूरसंचार मंत्रालय ने 28 नवंबर को जारी किए गए निर्देश में कहा कि केंद्रीय सरकार के संज्ञान में आया है कि ग्राहकों/उपयोगकर्ताओं की पहचान के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने वाली कुछ ऐप-आधारित संचार सेवाएं यूजर्स को उपकरण में सक्रिय सिम कार्ड के बिना भी सेवाओं का इस्तामल करने की अनुमति देती हैं। दूरसंचार मंत्रालय ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह निर्देश जारी करना जरूर हो गया है।

 

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नए नियम क्या हैं?

  • निर्देश जारी होने के 90 दिनों के बाद, यह पक्का करें कि ऐप बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विसेज डिवाइस में इंस्टॉल किए गए सिम कार्ड से लगातार जुड़ी रहें, ताकि उस खास, एक्टिव सिम के बिना ऐप का इस्तेमाल करना नामुमकिन हो जाए।
  • निर्देश जारी होने के 90 दिनों के बाद, यह पक्का करें कि मोबाइल ऐप का वेब सर्विस इंस्टेंस समय-समय पर (6 घंटे से ज्यादा नहीं) लॉग आउट हो और यूजर को QR कोड का इस्तेमाल करके डिवाइस को फिर से लिंक करने की इजाजत मिले।
  • ये निर्देश तुरंत लागू होंगे और तब तक एक्टिव रहेंगे जब तक दूरसंचार विभाग इन्हें बदल या वापस नहीं ले लेता।
  • डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस उन सभी TIUEs को निर्देश देता है जो यूजर्स की पहचान करने या सर्विसेज देने के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं कि वे नई जरूरतों का पालन करें।
  • ऐसे सभी ऐप्स को ये निर्देश जारी होने की तारीख से 120 दिनों के अंदर DoT को कम्प्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।
  • न-कम्प्लायंस करने पर टेलीकम्युनिकेशंस एक्ट, 2023, टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 और दूसरे लागू कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

चुनौती बन रहा था फीचर- सरकार

सरकार ने निर्देशों में कहा, 'केंद्र सरकार के ध्यान में आया है कि कुछ ऐप बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विसेज जो अपने कस्टमर्स/यूजर्स की पहचान करने या सर्विसेज देने के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रही हैं। यूजर्स को उस डिवाइस में सिम के बिना अपनी सर्विसेज लेने देती हैं जिसमें ऐप बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विसेज चल रही है और यह फीचर एक चुनौती बन रहा है।'

 

नियम इन ऐप्स को टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर यूजर इकाइयों के तौर पर बताते हैं। उन्हें मोबाइल नंबर, टेलीकॉम डिवाइस, नेटवर्क और सर्विसेज के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सभी सरकारी निर्देशों का पालन करना होगा।

 

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