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'तानाशाही है', सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर विपक्ष ने क्या-क्या कहा?

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार को घेरा है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने X पर प्रोफाइल फोटो ही सोनम वांगचुक की लगा दी है। लोग क्या कह रहे हैं, पढ़ें।

Sonam Wangchuk

सोनम वांगचुक। (AI Generated Image। Photo Credit: Sora)

लेह में बुधवार को भड़की हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उनके गांव उलेटोक्पो में दस्तक दी थी और उन्हें वहीं से गिरफ्तार किया गया। सोनम वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल होने की मांग को लेकर 21 दिनों से भूख हड़ताल पर थे, बुधवार को हिंसा भड़कने के बाद उन्होंने भूख हड़ताल वापस ले ली थी। 

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की है। विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा है कि सोनम वांगचुक की अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तारी हुई है। वह इंजीनियरिंग, इनोवेशन और शिक्षा के लिए काम करने वाले देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, सरकार उन्हें बलि का बकरा बना रही है। उनकी गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गई है। सरकार उन्हें लेह में भड़की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है। 

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अरविंद केजरीवाल, पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक, AAP:-
जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए-नए अविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। बेहद दुख होता है। देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?


क्या कह रहा है विपक्ष?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीजेपी पर लद्दाख के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी इसलिए की गई ताकि लद्दाख में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में बीजेपी की नाकामी से ध्यान हटाया जा सके। बीजेपी ने 2020 के लेह हिल काउंसिल चुनाव में छठी अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन अब उस वादे से मुकर रही है।'


टीएमसी नेता सागरिका घोष ने लिखा, 'सरकार ने अब मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। कश्मीर, मणिपुर या लद्दाख जैसे संवेदनशील इलाकों में मोदी सरकार की कोई नीति नहीं है, कोई संपर्क नहीं है, कोई सुलह नहीं है, कोई भरोसा नहीं है। अक्षम मोदी सरकार बस इतना कर सकती है कि किसी भी विरोध को 'देश विरोधी' मानकर कठोर कानूनों के तहत गिरफ्तार कर ले। शर्मनाक।'

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AAP नेता संजय सिंह ने कहा, 'आज सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। आज एक सच्चे देशभक्त और गांधीवादी नेता को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ एनएसए लगाया गया है। मोदी सरकार ने आज जो किया है, वह हिटलर जैसे तानाशाही रवैये का उदाहरण है। वह उन बच्चों को लिए लड़ रहे हैं, जिन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचत किया गया है। क्या अपराध है सोनम वांगचुक का। यह अपराध है कि वह लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे हैं, आमरण अनशन कर रहे थे। यह सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है।'



कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस प्रसिद्ध पर्यावरण और शिक्षाविद सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किए जाने की निंदा करती है। यह कदम लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल सरकार ने जिम्मेदारी से बचने के लिए उठाया है। बीजेपी ने वर्षों तक लद्दाख के लोगों को धोखा दिया है। 2020 के लेह हिल काउंसिल चुनाव में उसने इस क्षेत्र को छठी अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था और अब वह अपने वादे से मुकर गई है। उसने दावा किया था कि उसने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से स्वायत्तता दी है, लेकिन असल में उसने केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र की सारी संभावनाओं को खत्म कर दिया है। मोदी सरकार वांगचुक को गिरफ्तार करके इन समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकती या दबा नहीं सकती।'


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लेह हिंसा के बाद लद्दाख का हाल क्या है?

लद्दाख में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद, शनिवार को लेह में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत पाबंदियां घोषित की गईं हैं। आधिकारिक आदेशमें कहा गया है कि जिले में पांच या ज्यादा लोगों के एक साथ जुटने पर रोक है। बिना लिखित अनुमति के कोई जुलूस, रैली या मार्च निकालने की इजाजत नहीं है। 

सोनम वांगचुक गिरफ्तार क्यों हुए हैं?

24 सितंबर को लेह में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी गई थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। दो दिन बाद, 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया। उन पर लेह में हिंसा भड़काने का आरोप है। 

क्या चाहते हैं सोनम वांगचुक?

  • लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए
  • जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन और स्वायत्त जिला परिषदों का गठन हो
  • लद्दाख की स्थानीय भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए
  • अपनी गिरफ्तारी पर क्या कह कर गए हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक:-
हिंसा के बाद सारा दोष मुझ पर डाल दिया गया। मुझे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत मामला तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत मुझे बिना सुनवाई या जमानत के दो साल तक जेल में रखा जा सकता है। गिरफ्तारी से लोग ज्यादा जागरूक होंगे। शायद यह मेरी देश सेवा की आखिरी कड़ी होगी।

सोनम वांगचुक कौन हैं?

एक्टिविस्ट, पर्वयावरणविद् और अलग शैली के इंजीनियर सोनम वांगचुक ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय काम किए हैं। वह उन बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं, जिन्हें पारंपरिक शिक्षा नहीं मिल पाती है। उन्होंने साल 1988 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की थी। वह सोलर बेस्ड कैंपस डिजाइन करने के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं। उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है। वह पारंपरिक शिक्षा से इतर शिक्षा देने में भरोसा रखते हैं। बॉलीवुड की मशहूर फिल्म '3 इडियट्स' के फुंसुक वांगड़ू का किरदार उनसे प्रभावित है। 

 

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