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हार्ट संबंधी समस्याओं की वजह से हो रही हैं 31 पर्सेंट मौत: SRS रिपोर्ट

भारत में हृदय संबंधी रोग लोगों की मौत की सबसे बड़ी वजह बनते जा रहे हैं। SRS की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 10 बीमारियों की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।

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सांकेतिक तस्वीर: Photo credit: FreePik

भारत में हृदय संबंधी रोग लोगों की मौत की सबसे बड़ी वजह बनते जा रहे हैं। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय की नमूना पंजीयन सर्वेक्षण (SRS) की ताजा रिपोर्ट 'मृत्यु की वजह पर रिपोर्ट: 2021-2023' के मुताबिक, देश में होने वाली कुल मौतों में से करीब 31 प्रतिशत मौतें हृदय रोग की वजह से हो रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में गैर-संक्रामक रोग (Non-Communicable Diseases) मौतों की प्रमुख वजह बनी हुई हैं। कुल मौतों में से 56.7% मौतें इन्हीं बीमारियों की वजह से होती हैं। वहीं संक्रामक रोग, नवजात और पोषण की कमी से 23.4% मौतें हो रही हैं। यह आंकड़ा कोविड-19 (2020-2022) में थोड़ा ज्यादा था, उस दौरान यह 24% था।

 

रिपोर्ट के अनुसार, 30 साल से ऊपर की उम्र में हृदय रोग मौत की सबसे बड़ी वजह बन रहा हैं। वहीं 70 साल से ऊपर के बुज़ुर्गों में ज्यादातर मौतों की वजह स्पष्ट रूप से नहीं दर्ज की गई हैं। इसका मतलब है कि कई मामलों में मौत की सही वजह दर्ज नहीं हो पाती है।

 

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मौत की प्रमुख वजहें

रिपोर्ट के अनुसार

  • हृदय रोग (Cardiovascular diseases): 31% मौतें
  • श्वसन संक्रमण (Respiratory infections): 9.3%
  • कैंसर और अन्य ट्यूमर: 6.4%
  • श्वसन रोग (Respiratory diseases): 5.7%
  • पाचन संबंधी रोग: 5.3%
  • बुखार और अन्य वजहों से: 4.9%
  • गैरइरादतन चोटें (Non-intentional injuries): 3.7%
  • डायबिटीज: 3.5%
  • जनन-मूत्र रोग (Urological-Reproductive Disease) : 3%
  • इसके अलावा, आत्महत्या (इरादतन चोटें) 15 से 29 साल की उम्र के युवाओं में मौत की सबसे बड़ी वजह पाई गई है।

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चोटों और अन्य वजहों का आंकड़ा

रिपोर्ट के अनुसार, चोटों से होने वाली मौतें 9.4% हैं, जबकि अस्पष्ट वजहों से हुई मौतें 10.5% हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, हृदय रोग को लाइफस्टाइल डिजीज माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह असंतुलित खानपान, तनाव, धूम्रपान, शराब और शारीरिक गतिविधियों की कमी बताई गई हैं। सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय रहते लोगों की लाइफस्टाइल में सुधार लाया जाए तो हृदय रोग से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।

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