logo

ट्रेंडिंग:

JNU, DU समेत देश के किन कॉलजों में होते हैं छात्रसंघ चुनाव?

देश में कई बड़े नेता छात्र राजनीति से निकले हैं लेकिन आज देश के कुछ ही विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। जानिए देशभर में कहां-कहां छात्रसंघ चुनाव होते हैं।

Student Council

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Social Media

राजनीति में युवाओं की भागीदारी को अहम माना जाता है और राजनीति में एंट्री लेने से पहले कई युवा छात्र राजनीति में ट्रेनिंग लेते हैं। छात्र राजनीति को राजनीति में एंट्री की प्रयोगशाला भी कहा जाता है। देश में कई ऐसे नेता रहे जिन्होंने छात्र राजनीति से शुरूआत की और बाद में देश के बड़े राजनीतिक पदों पर बैठे। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से लेकर हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह और बिहार सीएम नीतीश कुमार तक कई नेता छात्र राजनीति से निकले हैं।

 

देशभर में दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू जैसे कई बडे़ विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। हालांकि, कई राज्य ऐसे हैं जहां छात्रसंघ चुनाव नहीं होते और कुछ राज्य ऐसे हैं जहां राज्य सरकारें छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए सहमति नहीं दे रही हैं। साल 1923 में पहली बार इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की स्थापना की गई। इसके साथ ही भारत में छात्रसंघ चुनावों की शुरूआत हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 2019 तक छात्रसंघ चुनाव होते रहे लेकिन इसके बाद छात्रसंघ को निलंबित कर दिया गया। आजादी के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में पहला चुनाव 1954 में हुआ था। 

 

यह भी पढ़ें-- DUSU चुनाव: NSUI को बड़ा झटका, ABVP के आर्यन मान बने अध्यक्ष

इन विश्वविद्यालयों में होते हैं छात्रसंघ चुनाव

भारत के कुछ ही राज्यों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। कई राज्यों में पहले छात्रसंघ चुनाव करवाए जाते थे लेकिन कुछ राज्य सरकारों ने कोरोना का बहाना बनाकर तो कुछ ने सुरक्षा का हवाला देकर छात्रसंघ चुनावों को बंद कर रखा है। हालांकि, इन राज्यों में समय-समय पर छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग उठती रही है। 

 

दिल्ली देश की राजधानी और यहां कई विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में हाल ही में चुनाव संपन्न हुए हैं और इसमें अध्यक्ष पद पर ABVP ने 3-1 से NSUI को हराया। ABVP के आर्यन मान डूसू अध्यक्ष बने। वहीं NSUI राहुल झांसला यादव उपाध्यक्ष चुने गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेज इन पदों के लिए हर साल वोट करते हैं। दिल्ली में ही स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति अक्सर चर्चा में रहती है। कन्हैया कुमार जैसे छात्र नेता इस विश्वविद्यालय से निकले हैं। इस विश्वविद्यालय में हर साल चुनाव होते हैं।'

तेलंगाना

दक्षिण भारत के तेलंगाना में भी कुछ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चुनाव होते हैं। तेलंगाना में हैदराबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय (HCU), उस्मानिया विश्वविद्यालय से संबंधित कुछ कॉलेजों में चुनाव होते हैं। HCU में हाल ही में चुनाव हुए हैं और इन चुनावों में ABVP ने पूरे पैनल पर जीत दर्ज की है।

 

यह भी पढ़ें-- दिल्ली के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में ABVP ने जीत का परचम लहराया

चडीगढ़, पंजाब और हरियाणा

चड़ीगढ़ एक केंद्र शासित राज्य है और इस शहर में कई शिक्षण संस्थान संस्थान हैं। हालांकि, सिर्फ पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालय कैंपस में ही चुनाव होते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ कैंपस में भी इस साल ABVP ने ही अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। पंजाब के किसी भी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव नहीं होते। हरियाणा में चुनाव नहीं होते लेकिन छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए युवा लगातार आवाज उठा रहे हैं। 

केरल में छात्रसंघ चुनाव

देश के अधिकतर राज्यों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होते हैं। केरल में कई कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। इनमें केरल विश्वविद्यालय से संबंधित 150  से ज्यादा कॉलेज कालीकट विश्वविद्यालय जैसे कई संस्थान शामिल हैं। मणिपुर में भी कई संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव होते हैं। उत्तराखंड के कई कॉलेजों में आज (27 सितंबर) को छात्रसंघ चुनाव होंगे। इन चुनावों के नतीजे आज शाम तक घोषित कर दिए जाएंगे। 

राजस्थान में बंद हुए छात्रसंघ चुनाव

राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव होते थे लेकिन साल 2020 में कोविड महामारी की वजह से यहां छात्रसंघ चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। कोविड महामारी खत्म हुए सालों बीत गए लेकिन छात्रसंघ चुनाव ज्यादातर विश्वविद्यालयों में अब तक नहीं हो पाए हैं। इस बार फिर राजस्थान सरकार छात्रसंघ चुनाव करवाने से मना कर चुकी है। छात्रसंघ चुनावों को लेकर छात्र लगातार मांग कर रहे हैं। इस संबंध में एक मामला कोर्ट में भी चल रहा है। 14 अगस्त को कोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि जब विधानसभा लोकसभा के चुनाव हो सकते हैं तो छात्रसंघ चुनाव क्यों नहीं हो सकते। 

 

यह भी पढ़ें-- ग्राउंड रिपोर्ट: रास्ता बदल देती हैं लड़कियां, डराता है DUSU का चुनाव

पटना विश्विद्यालय में छात्रसंघ चुनाव

पटना विश्वविद्यालय में दो साल के अंतराल के बाद इसी साल छात्रसंघ चुनाव हुए हैं, जिसमें एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना है। 107 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष सहित तीन प्रमुख पदों पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। पटना विश्वविद्यालय में 1984 तक छात्रसंघ चुनाव हुए थे, लेकिन फिर बढ़ते हिंसा के कारण इसपर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद करीब 28 साल तक यहां छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए थे। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap