logo

ट्रेंडिंग:

'इस्तीफा दो या जेल जाओ', सेंथिल बालाजी पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को सख्त चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया, तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें।

SC ultimatum Senthil Balaji

सेंथिल बालाजी, Photo Credit: PTI

सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को तमिलनाडु के मंत्री वीं सेंथिल बालाजी को कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा, अन्यथा उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। यह टिप्पणी जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बालाजी की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने बालाजी के जमानत पर रिहा होने के तीन दिन बाद ही 29 सितंबर 2024 को मंत्री पर पर उनकी पुनर्नियुक्ति पर चिंता जताई थी क्योंकि इससे गवाहों पर दबाव पड़ सकता है।

 

बालाजी पर 2011-2015 के दौरान अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए 'नौकरी के बदले नकद' घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें जून 2023 में गिरफ्तार किया था और सुप्रीम कोर्ट ने सिंतबर 2024 में 15 महीने की हिरासत और मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा, 'जमानत का मतलब यह नहीं कि आपको सत्ता में लौटकर गवाहों को प्रभावित करने की शक्ति दी गई है।' बालाजी को सोमवार 28 अप्रैल तक अपना फैसला कोर्ट को बताने के लिए कहा गया है। 

 

यह भी पढ़ें: पर्यटकों की खातिर आतंकियों से भिड़ने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह कौन थे?

 

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में क्या कहा और क्या फैसले लिए?

1- सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी को सख्त चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया, तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने कहा, 'आपको चुनना होगा या तो मंत्री मद रखें या अपनी आजादी'। 

 

2- कोर्ट ने बालाजी की जमानत के तीन दिन बाद यानी 29 सितंबर 2024 मंत्री के रूप में उनकी पुननिर्युक्ति पर गहरी नाराजगी जताई। जस्टिस अभय एस. ओका ने कहा, 'हमने जमानत दी और अगले दिन आप मंत्री बन गए!आपकी कैबिनेट मंत्री की स्थिति के कारण गवाहों पर दबाव पड़ेगा। यह क्या हो रहा है? कोर्ट ने माना कि बालाजी की स्थिति गवाहों को प्रभावित कर सकती है, जिससे निष्पक्ष सुनवाई में बाधा आ सकती है। 

 

यह भी पढ़ें: चश्मदीद ने सुनाई कहानी, कैसे ‘कलमा’ की जानकारी ने बचा ली जान

 

3- कोर्ट ने बालाजी को सोमवार यानी 28 अप्रैल तक यह तय करने का समय दिया कि वह मंत्री पद छोड़ेंगे या नहीं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर वह इस्तीफा नहीं देते तो जमानत रद्द करने पर विचार किया जाएगा। 

 

लंबी हिरासत के बाद मिली थी जमानत

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को 15 महीने की लंबी हिरासत और मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा कि सख्त जमानत शर्तें और मुकदमे में देरी एक साथ नहीं चल सकते। कोर्ट ने नोट किया कि मामले में 2,000 आरोपी और 550 गवाह हैं, और हजारों पन्नों के दस्तावेज हैं। मुकदमा पूरा होने में 3-4 साल लग सकते हैं, जो बालाजी की हिरासत को अनुचित बनाता है। 

Related Topic:#Tamilnadu News

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap