सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिल्डिंग या घरों को ढहाए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज अथॉरिटी को फटकार लगाई है। जस्टिस अभय एस और उज्जल भुयान ने कहा कि देश में 'कानून का राज' है और किसी का घर इस तरह से नहीं गिराना चाहिए।
बेंच ने कहा, 'इससे हमारी अंतरात्मा को ठेस पहुंची है। सबको आश्रय का अधिकार है और जो भी हो वह कानून की प्रक्रिया के तहत ही होना चाहिए।'
इसके बाद टॉप कोर्ट ने अथॉरिटी को प्रत्येक घर के मालिक को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा।
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10 लाख का मुआवजा देने का निर्देश
इससे पहले भी शीर्ष अदालत ने कानूनी प्रक्रिया का पालन न किए जाने का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को प्रयागराज में बिल्डिंग को ढहाए जाने को लेकर आलोचना की थी साथ ही उन्होंने कहा था कि इसने चौंकाने वाला और गलत संदेश देने वाला बताया था।
अदालत ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अपीलकर्ताओं के घरों को ढहाकर उनके अधिकारों का उल्लंघन करने वाली अवैध कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए, हम प्रयागराज विकास प्राधिकरण को अपीलकर्ताओं को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देते हैं।'
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2021 में दिया गया था नोटिस
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने गलत तरीके से घरों को ढहाया था। उनका मानना था कि यह घर गैंगस्टर और राजनेता अतीक अहमद से संबंधित है। अतीक अहमद को पुलिस एनकाउंटर में 2023 में मार दिया गया था।
बता दें कि याचिकाकर्ताओं की याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को 6 मार्च 2021 को एक नोटिस दिया गया था जो कि प्रयागराज के लूकरगंज में कुछ निर्माण कार्य से संबंधित था।