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'सबूत के बिना आरोप लगाने का चलन है', सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में सुनवाई करते हुए ईडी के दावों पर संदेह जताते हुए यह बातें कही हैं।

Supreme Court

फाइल फोटो।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक बार फिर आड़े हाथों लिया। शीर्श कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए ईडी के ऊपर धन शोधन के मामलों में आरोपियों के खिलाफ बिना सबूत के आरोप लगाने का आरोप लगाया। कोर्ट ने आगे कहा कि उसने कई मामलों में ईडी की यह झुकाव देखा है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में सुनवाई करते हुए यह बातें कही हैं।

 

दरअसल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने ईडी इस बात पर चिंता जताई कि ईडी अपने दावों की पुष्टि करने के लिए आरोपियों को अपराध की आय से जोड़ने वाले सबूत प्रस्तुत नहीं कर रही है। कोर्ट के सामने सबूत नहीं पेश कर पाने के बाद न्यायालय ने कहा, 'यह वही है जो हमने ईडी द्वारा दायर किए गए असंख्य केसों में देखा है। यह पैटर्न है, बिना किसी संदर्भ के केवल आरोप लगाना।'

 

कोर्ट ईडी के दावे से संतुष्ट नहीं

 

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि कोर्ट की इस धारणा को दूर करने के लिए सबूत पेश करेंगे कि एजेंसी जरूरी सबूत के बिना केस दर्ज कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में एक आरोपी अरविंद सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। दरअसल, कोर्ट ईडी द्वारा आरोपी को 40 करोड़ रुपये के अपराध की कमाई से जोड़ने के दावे से संतुष्ट नहीं था। जबकि एसवी राजू ने कहा कि अरविंद सिंह करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में शामिल था।

 

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एसवी राजू ने लगाए कई आरोप

 

राजू ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले के आरोपी अरविंद सिंह करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में शामिल थे और उन्होंने अनुराग ट्रेडर्स नाम की कंपनी के जरिए शराब की खाली बोतलें खरीदने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि अरविंद छत्तीसगढ़ में समानांतर शराब का कारोबार चला रहे थे, जिससे 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ।

 

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घोटाले से जुड़े सबूत दिखाइए- कोर्ट

 

इसपर पीठ ने राजू से आरोपी अरविंद सिंह को कंपनी से जोड़ने और ईडी द्वारा उजागर किए गए 40 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े सबूत दिखाने को कहा। जब कोर्ट ने पाया कि अरविंद सिंह कंपनी में न तो मेनेजिंग प्रबंध निदेशक हैं और न ही डायरेक्टर और न ही कंपनी में कोई पद संभाल रहे हैं, तो राजू ने कहा कि वह अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी के मामलों को देख रहे थे।

 

सुप्रीम कोर्ट जब एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू के दावों से सहमत नहीं दिखा तो इसपर राजू ने पीठ से अरविंद सिंह के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने के लिए और समय मांगा।

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