विश्व हिंदू परिषद ने गरबा आयोजनों में केवल हिंदुओं को प्रवेश देने की मांग की है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि प्रवेश करने वालों को माथे पर तिलक लगाना, रक्षा सूत्र बांधना और हिंदू देवता की पूजा करनी होगी। नागपुर में विश्व हिंदू परिषद के विदर्भ महासचिव प्रशांत तित्रे ने बताया कि गरबा खेलने आए लोगों पर गोमूत्र भी छिड़का जाएगा और उन्हें पवित्र किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता नवरात्रि के दौरान 21 सितंबर से 1 अक्तूबर तक, गरबा पंडालों की निगरानी करेंगे। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि यह कदम 'लव जिहाद' रोकने के लिए जरूरी है। हिंदू संगठनों का कहना है कि कुछ दक्षिणपंथी संगठन मुस्लिम पुरुषों पर हिंदू लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए लुभाने का आरोप लगाते हैं।
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श्रीराज नायर, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद:-
गरबा सिर्फ नृत्य नहीं, बल्कि देवी को प्रसन्न करने की पूजा है। जो मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते, उन्हें शामिल होने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
हंगामा क्यों बरपा है?
विपक्ष ने विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के मंत्री और BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजक प्रवेश के नियम तय कर सकते हैं और पुलिस की अनुमति होने पर कोई समस्या नहीं है।
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हिंदू पक्षों का तर्क क्या है?
महाराष्ट्र BJP के मीडिया प्रमुख नव नाथ बन ने कहा कि गरबा हिंदू आयोजन है और अन्य धर्मों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इसे देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश बताया।
कांग्रेस ने क्या कहा है?
कांग्रेस ने और सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि BJP से जुड़े संगठन सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह देश को अस्थिर करने और धर्म के नाम पर राजनीति करने की साजिश है। कांग्रेस ने कहा, 'महाराष्ट्र की ताकत एकता में विविधता है, इसे नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।'