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ग्लोबल ड्रग्स नेटवर्क, ट्रंप के आरोप; भारत में कितना बड़ा इसका जाल?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत दुनिया के 23 देशों पर अवैध नशा तस्करी का आरोप लगाया है। इस सूची में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का भी नाम शामिल है। जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है?

Donald Trump News.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (AI generated image)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ मुद्दे के बाद से भारत के साथ रिश्तों को बिगाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। कभी ट्रंप भारत को टैरिफ किंग बोलते हैं तो कभी अर्थव्यवस्था को मरी हुई बताते हैं। अब उन्होंने भारत पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। ट्रंप ने भारत का नाम उन देशों के साथ लिया है, जिन पर वह अवैध नशा तस्करी का आरोप लगाते हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत भी चीन और पाकिस्तान के साथ उन 23 देशों की सूची में है, जो नशीले पदार्थों को ट्रांजिट रूट या उत्पादन में शामिल हैं। उन्होंने इन 23 देशों को अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरा तक बता डाला।

 

मगर असल सवाल यह उठता है कि भारत खुद ही नशीले पदार्थों का सबसे बड़ा पीड़ित है। पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा से नशीले पदार्थों की तस्करी होती है। पंजाब और राजस्थान में अक्सर नशीले पदार्थों के साथ आने वाले पाकिस्तानी ड्रोनों की गतिविधियों को देखा जाता है। भारतीय जवान कई बार नशे की बड़ी खेप भी पकड़ चुके हैं। केंद्र सरकार नशे के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है। अब ट्रंप पीड़ित को ही आरोपी बनाने में जुटे हैं। भारत में नशे की तस्करी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और ईरान जैसे देशों से होती है। ट्रंप के आरोपों के बीच आइये समझते हैं कि भारत अब तक नशीले पदार्थों की कितनी बड़ी खेप पकड़ चुका। इसका जाल कितना व्यापक है। 2006 से अब तक के आकंड़े क्या कहते हैं। 

 

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भारत में कितना अवैध नशे का जाल?

नशीले पदार्थों के खिलाफ भारत सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। पिछले साल यानी 2024 में देशभर में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों को जब्त किया गया। नशीले पदार्थों की यह मात्रा 2023 की तुलना में 55 फीसदी अधिक है। साल दर साल नशीले पदार्थों की बढ़ती जब्ती से एक बात तो स्पष्ट है कि सरकार इसके खिलाफ गंभीरता से काम करने में जुटी है। बता दें कि साल 2023 में 16,100 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ पकड़े गए थे।

 

पिछले दो वर्षों में जब्त नशे का ब्योरा
नशीला पदार्थ  2023  2024
मेथैम्फेटामाइन   34  80 (क्विंटल में)
कोकीन 292 1426 (किग्रा में)
मेफेड्रोन 688 3391 (किग्रा में)
हशीश   34 61 (क्विंटल में)
फार्मास्यूटिकल ड्रग्स 1.84 करोड़ 4.69 करोड़ (गोलियां)

 

   नोट: आंकड़े PIB से लिए गए हैं।                                
                                     

2006 से अब तक क्या कहते हैं आंकड़े?

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2024 में नशीले पदार्थ की 1,087 टन से अधिक मात्रा पकड़ी गई। नशा तस्करी के कुल 72,496 मामले दर्ज किए गए। 2023 में 1,389 टन नशा पकड़ा गया। इसकी कीमत लगभग 16,123 करोड़ रुपये थी। देशभर में 1.09 लाख मामले भी दर्ज किए गए थे। खास बात यह है कि 2024 में सिंथेटिकि ड्रग्स के मामले अधिक थे। इस कारण इसका मूल्य भी ज्यादा था।

 

आंकड़ों के मुताबिक 2006 से 2013 के बीच लगभग 1.52 लाख किलोग्राम नशा जब्त किया गया। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 768 करोड़ रुपये थी। 2014 से 2021 के बीच 3.3 लाख किलोग्राम नशीला पदार्थ पकड़ा गया। इसकी कीमत करीब 20,000 करोड़ रुपये थी।

ट्रंप ने 23 देशों से क्या खतरा बताया?

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस को अपना 'प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि 23 देशो की पहचान हुई है। यह देश बड़े ड्रग ट्रांजिट या अवैध उत्पादन में शामिल हैं। कांग्रेस को सौंपी अपनी सूची में ट्रंप ने इन देशों को अमेरिका में ड्रग्स तस्करी के लिए जिम्मेदार ठहराया। यह भी कहा कि अफगानिस्तान, बोलीविया, म्यांमार, कोलंबिया और वेनेजुएला तस्करी को रोकने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। अमेरिका के विदेश विभाग का कहना है कि यह सभी देश नशा तस्करी और उत्पादन करके अमेरिका और उसके नागरिकों के सामने खतरा पैदा कर रहे हैं।

ट्रंप की सूची में कौन-कौन?

  • भारत
  • अफगानिस्तान
  • बहामास
  • बेलीज
  • बोलीविया
  • म्यांमार
  • चीन 
  • कोलंबिया 
  • कोस्टा रिका 
  • डोमिनिकन रिपब्लिक
  • इक्वाडोर
  • अल सल्वाडोर 
  • ग्वाटेमाला
  •  हैती 
  • होंडुरास
  • जमैका 
  • लाओस 
  • मेक्सिको
  • निकारागुआ 
  • पाकिस्तान 
  • पनामा 
  • पेरू 
  • वेनेज़ुएला

चीन पर ट्रंप ने कौन सा आरोप लगाया?

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अवैध फेंटेनाइल उत्पादन को बढ़ावा देने वाला दुनिया का सबसे बड़ा जरिया बताया। अफगानिस्तान के बारे में कहा कि तालिबान ने नशे पर प्रतिबंध लगाया है। मगर वहां मेथैम्फेटामाइन समेत नशे का उत्पादन जारी है। इससे वैश्विक बाजार में नशे का प्रवाह बना है। ट्रंप के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध ने अमेरिका में फेंटेनाइल और अन्य घातक नशे की तस्करी से राष्ट्रीय आपातकाल पैदा कर दिया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट भी खड़ा हुआ है। अवैध नशे के कारण 18 से 44 वर्ष की आयु के अमेरिकी नागरिकों की मौत हो रही है।

 

यह भी पढ़ें: क्या अमेरिका वापस लेगा टैरिफ, ऐसा क्यों कह रहे इकोनॉमिक एडवाइजर?

कहां बढ़ रहा कोकीन का उत्पादन और सेवन?

संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) के मुताबिक कोकीन पूरी दुनिया में सबसे तेजी से पढ़ने वाला ड्रग्स है। कोलंबिया में इसका उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। दक्षिणी अमेरिका और यूरोप में इसके इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ी है। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक कोकीन का वैश्विक अनुमानित अवैध उत्पादन लगभग 3,708 टन से अधिक हो चुका है। 

 

दुनियाभर में कोकीन का सेवन करने वालों की संख्या लगभग 2.50 करोड़ तक पहुंच गई है। 10 साल पहले यह संख्या 1.70 करोड़ थी। आकंड़ों से पता चलता है कि उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी और मध्य यूरोप व दक्षिण अमेरिका कोकीन के सबसे बड़े बाजार हैं। 

 

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