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ऑफिस के बाद बॉस का फोन ना उठाने का मिलेगा कानून हक? लोकसभा में बिल पेश

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सूले ने लोकसभा में पेश किया है, जो एक प्राइवेट मेंबर बिल है।

Right to Disconnect Bill 2025

सांसद सुप्रिया सूले। Photo Credit- Sansad TV

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। इसमें कर्मचारियों को ऑफिस के समय के बाद काम से जुड़े फोन और ईमेल को नजरअंदाज करने का कानूनी अधिकार देने की मांग की गई है।

 

उन्होंने लोकसभा में शुक्रवार को यह बिल पेश किया, जिसका नाम राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 है। इस बिल में कर्मचारियों के वेलफेयर अथॉरिटी बनाने की मांग की गई है, ताकि अगर उन्हें यह अधिकार दिया जाता है, तो वे ऑफिस के समय के बाद या छुट्टियों में काम से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन को सुनने के लिए कानूनी तौर पर मजबूर न हों।

 

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राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 क्या है?

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 को एनसीपी (SC) ने लोकसभा में पेश किया है, जो एक प्राइवेट मेंबर बिल है। इसमें कर्मचारियों के लिए वेलफेयर अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव है ताकि हर कर्मचारी को काम के घंटों के बाद और छुट्टियों में काम से जुड़े फोन कॉल और ईमेल से छुटकारा पाने का अधिकार मिले।

 

 

 

 

पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने एक्स पर बिल पेश करते हुए अपना एक वीडियो शेयर की किया है, 'यह आज के डिजिटल संस्कृति से होने वाली थकावट को कम करके बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ और हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस को बढ़ावा देता है'

 

यह बिल 1 दिसंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन पेश किया गया है। इस बिल के साथ ही सुप्रिया सुले ने दो और प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए- पैटरनिटी और पैटरनल बेनिफिट्स बिल, 2025 । यह बिल पेड पैटरनल लीव की मांग करता है, जिससे पिता बनने वाले लोगों को अपने बच्चे को पालने के लिए कानूनी अधिकार मिल सके।

 

सामाजिक सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, 2025 बिल भी पेश किया गया है, जो गिग श्रमिकों को एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता देता है। इसमें न्यूनतम मजदूरी, विनियमित घंटे, सामाजिक सुरक्षा, काम करने की उचित स्थितियां और न्यायसंगत कॉन्ट्रैक्ट सुनिश्चित करता है। इसमें गिग श्रमिकों के लिए काम के बदले में उचित मेहनताना देने की मांग की गई है।

 

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कर्मचारी कल्याण पर दूसरा बिल

शुक्रवार को, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी डिजिटल थकावट से बचने के लिए कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। उन्होंने पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 में बदलाव करने की मांग की।

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल पास होगा?

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 एक प्राइवेट मेंबर बिल है। प्राइवेट मेंबर बिल वह बिल होता है जिसे मंत्री के अलावा संसद का कोई भी सदस्य पेश करता है, जबकि मंत्री द्वारा पेश किए गए बिल को सरकार का बिल कहा जाता है। हालांकि, जो प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए जाते हैं वह बहुत कम कानून बनते हैं। आमतौर पर ऐसे बिल सरकार के जवाब देने के बाद वापस ले लिए जाते हैं।

 


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