अभिनेता से राजनेता बने विजय की तमिलनाडु के करूर में आयोजित रैली में भगदड़ की बड़ी घटना हुई है। अभी तक 29 लोगों की मौत की खबर है। करीब 45 लोग घायल हैं। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस घटना पर पीएम मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गहरा दुख जताया है। पिछले कुछ समय में देशभर में भगदड़ की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। आज भारत दुनिया के सबसे घातक भीड़ दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट बन गया है।
1980 के दशक में भगदड़ की अधिकांश घटनाएं खेल आयोजनों में होती थीं। मगर अब इसमें बदलाव आने लगा है। अब भगदड़ की अधिकांश घटनाएं धार्मिक आयोजन में होती हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 2000 से अब तक भगदड़ से करीब 1,477 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि इसमें हाल के आंकड़े शामिल नहीं है। धार्मिक आयोजनों के इतर चुनावी रैलियों में भी मची भगदड़ में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। आज बात उन्हीं चुनावी रैलियों की।
2022: चंद्रबाबू नायडू की रैली में गई थी 8 की जान
28 दिसंबर 2022 को आंध्र प्रदेश में एन. चंद्रबाबू नायूड की रैली में भगदड़ मची थी। नेल्लोर जिले के कंदुकुर कस्बे में चंद्रबाबू नायडू की रैली थी। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने एक-दूसरे से धक्का-मुक्की शुरू कर दी। देखते ही देखते रैली स्थल पर भगड़द की स्थिति बन गई। भगदड़ मचते ही लोगों का एक हुजूम एक ही दिशा में भागने लगा। कुछ लोगों ने नहर में कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। मगर आठ लोगों की जान चली गई। कई लोग घायल हुए थे। बाद में चंद्रबाबू नायडू को अपनी रैली रद्द करनी पड़ी थी। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था।
2023: चंद्रबाबू नायडू की दूसरी रैली, 4 दिन में दोबारा मची भगदड़
2 जनवरी 2023 में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की एक अन्य रैली में भगदड़ मची। इसमें तीन महिलाओं की जान गई थी और करीब 18 अन्य लोग घायल हुए थे। चंद्रबाबू नायडू की जनसभा में गरीबों को संक्रांति चंद्रन्ना कनुका (विशेष राशन किट) और एनटीआर जनता वस्त्रालु (कपड़े) बांटे जा रहे थे। तभी भीड़ के बेकाबू होने से यह दर्दनाक हादसा हुआ था। चंद्रबाबू नायडू की रैलियों में हुई भगदड़ की दोनों घटनाओं में सिर्फ चार दिन का अंतर था।
यह भी पढ़ें: इस्तीफे के बाद पहली बार सामने आए ओली, बताया- क्यों छोड़ा था पद?
2016: मायावती की लखनऊ रैली में तीन हुई थी मौत
9 अक्टूबर 2016 को लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर मैदान में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की रैली थी। उन्होंने पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था। एक अनुमान के मुताबिक रैली में करीब 5 लाख की भीड़ जुटी थी। मायावती के संबोधन के बाद रैली स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भीड़ में लोग एक दूसरे से धक्का-मुक्की करने लगे। भगदड़ मचने से तीन लोगों की जान गई और करीब 28 लोग घायल हुए थे।
2014: पीएम मोदी की गयाजी रैली में हो चुकी भगदड़
साल 2014 में बिहार के गयाजी में पीएम मोदी की रैली में भगदड़ मची थी। पीएम मोदी की झलक पाने को बेताब भीड़ ने मंच के पास बल्लियों से बना सुरक्षा घेरा तोड़ दिया था। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो स्थिति और बिगड़ गई थी। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था।
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में थलापति विजय की रैली में मची भगदड़; 29 की मौत, 45 घायल
2019: बंगाल में बेकाबू हो गई थी भीड़
2019 में पश्चिम बंगाल में आयोजित पीएम मोदी की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे। पीएम मोदी बंगाल में मटुआ समुदाय की रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। रैली स्थल के बाहर खड़ी भीड़ ने जब अंदर आने की कोशिश की तो भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मंच से पीएम मोदी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील। एक पुलिस अधिकारी ने बाद में बताया था कि कई महिलाएं और बच्चे घायल हुए हैं।