logo

ट्रेंडिंग:

नवारो से बेसेंट तक: भारत के खिलाफ ट्रंप का कौन-कौन करीबी जहर उगल रहा?

पिछले कुछ दिनों में भारत के खिलाफ ट्रंप से अधिक उनके सहयोगियों ने जहर उगला। दबाव बनाने की रणनीति के तहत लगातार यह बयानबाजी की जा रही थी। मगर भारत ने साधी कूटनीतिक का सहारा लिया।

Donald Trump.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड। (AI Generated Image)

टैरिफ मामले में भारत और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी अब कम होने के संकेत मिलने लगे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को मरी हुई बताने वाले ट्रंप का लहजा बदलने लगा है। उन्होंने न केवल भारत, बल्कि पीएम मोदी की तारीफ की। चार बार ट्रंप का फोन न उठाने वाले पीएम मोदी भी खुद को जवाब देने से रोक नहीं सके। भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास लाने में डोनाल्ड ट्रंप के करीबियों की भूमिका अहम रही।

 

रोजाना कोई न कोई भारत विरोध बयान दिया जाता और जानबूझकर भारत का टारगेट किया जाता। अभी तक यह कहना मुश्किल हैं कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते कितने सुधरे हैं। मगर जब तक ट्रंप के करीबी भारत के खिलाफ जहर उगलना बंद नहीं करेंगे तब तक रिश्तों का पटरी पर आना मुश्किल है। आज जानते हैं कि ट्रंप के किस-किस करीबी ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की।

 

भारत के साथ टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने भारत के खिलाफ खूब जहर उगला। इन अमेरिकी नेताओं के बयान की वजह से भारत के साथ रिश्तों खटास और आई। डोनाल्ड ट्रंप भी काफी हद तक इन पर काफी विश्वास करते हैं। यही कारण रहा कि ट्रंप ने भी भारत के खिलाफ बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

 

यह भी पढ़ें: गुजरात में बड़ा हादसा, पावागढ़ मंदिर में कार्गो रोपवे टूटा; 6 की मौत

 

लिंडसे ग्राहम: लिंडसे ग्राहम ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारत को निशाना बना रहे हैं। रिचर्ड ब्लूमेंथल के साथ उन्होंने एक विधेयक पेश किया। इसमें रूसी तेल खरीदने वाले भारत और चीन जैसे देशों पर 500 फीसदी तक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है।

 

हॉवर्ड लुटनिक: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भी भारत के खिलाफ जहर उगला। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि भारत का सख्त रुख बहुत दिनों तक नहीं चलेगा। बड़े ग्राहक से टकराना अच्छा नहीं होता है। उनका दावा है कि भारत एक-दो महीने में बातचीत के मेज पर लौटेगा और माफी मांगेगा। ट्रंप से डील करने का प्रयास करेंगे। अंत में ट्रंप को ही फैसला लेना है कि पीएम मोदी के साथ कैसे पेश आएं। ट्रंप राष्ट्रपति हैं और फैसला भी उन्हीं के मेज पर होगा।

 

पीटर नवारो: ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो की भाषा भारत के खिलाफ अधिक आक्रामक रही। उन्होंने भारत पर रूस के तेल से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया। एक अन्य बयान में रूस और यूक्रेन के बयान को 'मोदी का युद्ध' कहकर संबोधित किया। पीटर नवारो यही नहीं थमे। उन्होंने एक अजीब बयान दिया और आरोप लगाया कि भारत के ब्राह्मण रूस के तेल से मुनाफा कमाते हैं। 

 

स्कॉट बेसेंट: अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी आग में घी डालने का काम किया। उन्होंने 2 सितंबर को अपने बयान में रूस, चीन और भारत को बैड एक्टर्स कहा। तीनों देशों पर यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने भारत पर रूसी तेल से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया। यह भी कहा था कि भारत के खिलाफ और भी कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि बाद में उनके सुर में बदलाव आया और कहा कि दोनों महान देश समाधान निकाल लेंगे।

क्या ढीले पड़ने लगे ट्रंप के सुर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने भारते खिलाफ बयानबाजी के बीच शनिवार को व्हाइट हाउस में कहा, 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा, लेकिन मुझे वह पसंद नहीं है, जो वह इस वक्त कर रहे हैं। हालांकि भारत और अमेरिका के बीच बहुत ही खास रिश्ता है। टेंशन की कोई बात नहीं है। हमारे बीच कभी-कभी कुछ पल ऐसे होते हैं।'

 

ट्रंप ने यह बात अपने उस बयान के एक दिन बाद कही, जिसमें उन्होंने चीन के हाथ भारत और रूस को खोने का दावा किया था। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल पर पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की एक फोटो साझा की और लिखा, 'लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है।'

टैरिफ विवाद के बाद पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैरिफ विवाद के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की मैं गहराई से सराहना करता हूं। पूरी तरह से उनका समर्थन करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बहुत ही सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक व वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।'

 

यह भी पढ़ें: 'मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा', ट्रंप के बयान पर क्या बोले PM मोदी?

भारत पर अमेरिका ने क्यों लगाया टैरिफ?

व्यापार समझौता न होने पर 1 अगस्त को अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया। ठीक छह दिन बाद यानी 7 अगस्त को अतरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। भारत पर अतरिक्त टैरिफ रूस से ईंधन खरीदने की वजह से लगाया गया। अमेरिका अब तक भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा चुका है। ब्राजील और भारत ही सिर्फ दो ऐसे देश हैं जिन पर अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 27 अगस्त से भारतीय सामान पर अमेरिका का यह टैरिफ लागू है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap