अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिकों के खिलाफ घृणा बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया से वास्तविक दुनिया तक में भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले एक हफ्ते में अलग-अलग गोलीबारी में चार भारतीय मूल के लोगों की जान जा चुकी है। जान गंवाने वाले लोगों में होटल प्रबंधक से छात्र तक शामिल हैं।
सितंबर के आखिरी महीने में भारतीय मूल के एक मोटल मैनेजर की हत्या उसके ही कर्मचारी ने कर दी थी। आरोपी ने पत्नी के सामने वारदात को अंजाम दिया था। सिर को थड़ से अलग करने के बाद फुटबॉल की तरह मारते ले गया और बाद में डस्टबिन में फेंक दिया। पूरा विवाद टूटी वॉशिंग मशीन को लेकर हुआ था।
- चार्लोट में दो की हत्या: अमेरिका के उत्तरी कैरोलीना में 2 अक्टूबर को भारतीय मूल के दो व्यक्तियों की हत्या से सनसनी फैल गई। बदमाशों ने अनिल कुमार पटेल और पंकज पटेल चार्लोट में गोली मारकर हत्या की थी। अमेरिकी पुलिस ने हत्याकांड मामले में अल्वारो लुइस ओजुना नाम के एक संदिग्ध को फ्लोरिडा से गिरफ्तार किया। अमेरिका में लगातार भारतीय मूल के होटल कारोबारियों की हत्या से डर का माहौल है। ये हत्याएं एशियाई अमेरिकी होटल मालिक संघ (AAHOA) के होटल मालिकों को निशाना बनाकर की जा रहीं। 72 घंटे की अंदर ही तीन हत्याओं से सनसनी फैल गई।
यह भी पढ़ें: ट्रंप के इस प्लान के खिलाफ भारत, चीन और पाकिस्तान एक साथ कैसे आए?
- चंद्रशेखर हत्याकांड: अमेरिका के जॉर्जिया में 3 अक्टूबर को चंद्रशेखर नाम के छात्र को निशाना बनाया गया। चंद्रशेखर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के रहने वाले थे। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ चंद्रशेखर एक पेट्रोल पंप में काम करते थे। तीन अक्टूबर को इसी पेट्रोल पंप में चंद्रशेखर की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह दो साल पहले अमेरिका गया था। मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद अब नौकरी की तलाश में था।
- राकेश पटेल केस: 4 अक्टूबर को अमेरिका के पिट्सबर्ग में भारतीय मूल के राकेश पटेल की हत्या की गई। गोलीबारी में 50 वर्षीय राकेश की जान चली गई। वारदात को उनके ही मोटल के बाहर अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि उनके होटल के बाहर पार्किंग पर विवाद हो गया। जब वह वहां बीच-बचाव करने पहुंचे तो उनको ही गोली मार दी।
अमेरिका में सबसे अधिक भारतीयों की मौत
सितंबर महीने में कैलिफोर्निया पुलिस ने तेलंगाना के रहने वाले तकनीकी कर्मचारी मोहम्मद निजामुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी साल मार्च महीने में कोलकाता के रहने वाले अमरनाथ की सेंट लुइस में हत्या कर दी गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 से अब तक दुनियाभर में 800 से अधिक भारतीय छात्रों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा 141 मौतें सिर्फ अमेरिका में हुई हैं।
ट्रंप के जीतने के बाद बढ़ी नफरत
पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद अमेरिकी सोशल मीडिया पर भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ नफरती बयानबाजी बढ़ी है। इसका खुलासा सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गनाइज्ड हेट में हुआ है। अमेरिका में हिंदू धार्मिक स्थल भी सुरक्षित नहीं है। पिछले साल कैलिफोर्निया में तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया। साल 2023 में सिर्फ कैलिफोर्निया में हिंदू विरोधी हेट क्राइम के 8 मामले दर्ज किए गए।
यहूदियों के बाद हिंदू सबसे अधिक निशाने पर
9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका में मुस्लिमों के खिलाफ हेट क्राइम के कई मामले सामने आए। हालांकि इस दौरान हिंदुओं को उतना निशाना नहीं बनाया गया। मगर मौजूदा समय में यहूदियों के बाद अमेरिका में नफरती लोगों के निशाने पर सबसे अधिक हिंदू हैं। कैलिफोर्निया हॉटलाइन रिसर्चर के मुताबिक हिंदू विरोधी पूर्वाग्रह के 24 मामले को रिकॉर्ड किया गया। यह सभी हेट क्राइम का करीब 24 फीसद है। यहूदियों के खिलाफ 37 और मुस्लिमों के खिलाफ 15 फीसद हेट क्राइम के मामले सामने आए।
सोशल मीडिया पर कैसे बढ़ रही भारतीयों के खिलाफ नफरत?
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गनाइज्ड हेट ने भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाने वाले 128 एक्स पोस्ट का दस्तावेजीकरण किया। विश्वेषण से पता चला कि एक्स पर 3 जनवरी 2025 तक इन पोस्टों को कुल 138.54 मिलियन बार देखा गया था। 36 पोस्टों पर 10 लाख से अधिक व्यूज मिले। 12 एक्स पोस्ट पर दावा किया गया कि भारतीय मूल के लोग गोरे अमेरिकियों की डेमोग्राफी के लिए खतरा हैं।
यह भी पढ़ें: ट्रंप के पीस प्लान पर इजरायल-हमास राजी, अब आगे क्या होगा? समझिए
विश्वेषण से यह भी पता चला कि 85 में से 64 एक्स अकाउंट ने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ले रखा था। उनके प्रोफाइल पर ब्लू बैज लगा था। 3 जनवरी 2025 तक 128 में से 125 पोस्ट एक्टिव थे। एक पोस्ट को हेट क्राइम के तहत सीमित किया गया। एक्स ने आठ को संवेदनशील माना। एलन मस्क की कंपनी एक्स ने सिर्फ एक ही अकाउंट को सस्पेंड किया है। खास बात यह है कि एक्स पर भारतीयों के खिलाफ नफरत सिर्फ हिंदुओं तक सीमित नहीं है। इसमें सिखों को भी निशाना बनाया जा रहा है।