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'अल्लाह-हू-अकबर और फिर फायरिंग', जिपलाइन करने वाले सैलानी की आपबीती

पहलगाम आतंकी हमले का एक खौफनाक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो एक सैलानी ने रिकॉर्ड किया था, जो उस वक्त जिपलाइन पर स्लाइड कर रहे थे। उस सैलानी ने उस वक्त के खौफनाक मंजर के बारे में बताया है।

pahalgam attack

जिपलाइन करते ऋषि भट्ट। (Photo Credit: Social Media)

पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकी अब तक फरार हैं। इस बीच सोमवार को पहलगाम घूमने गए एक सैलानी की रील वायरल हुई, जिसमें आतंकी पर्यटकों को गोली मारते नजर आ रहे हैं। इस सैलानी का नाम ऋषि भट्ट है। उन्होंने दावा किया है कि जब आतंकी गोली बरसा रहे थे, तब जिपलाइन ऑपरेटर 'अल्लाह-हू-अकबर' बोल रहा था। ऋषि भट्ट ने बताया कि जब वे जिपलाइन पर थे, तब आतंकी गोली बरसा रहे थे। उन्होंने 5-6 लोगों को गोली लगते देखा।

'20 सेकंड तक अहसास ही नहीं हुआ'

भट्ट ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, 'जब मैं जिपलाइन पर था, तभी गोलीबारी शुरू हो गई। 20 सेकंड तक मुझे अहसास ही नहीं हुआ। अचानक मुझे महसूस हुआ कि गोलीबारी हो रही है और जमीन पर लोग मारे जा रहे हैं। मैं 5-6 लोगों को गोली लगती देखा। 20 सेकंड बाद मुझे अहसास हुआ कि यह आतंकी हमला था। उसने (जिपलाइन ऑपरेटर) तीन बार अल्लाह-हू-अकबर बोला और उसके बाद गोली चलना शुरू हो गई।'

 


उन्होंने बताया, 'मेरे सामने दो परिवारों के पुरुषों से उनका धर्म पूछा गया और मेरी पत्नी और बेटे के सामने उन्हें गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा जोर से चिल्लाने लगे। मैं अपनी बेल्ट निकाली और नीचे उतरा और पत्नी-बेटे को लेकर वहां से भागने लगा। हमने देखा कि लोग एक गड्ढे वाली जगह पर छिप रहे थे। वह ऐसी जगह थी, जहां किसी को आसानी से नहीं देख सकते थे, इसलिए हम भी वहां छिप गए।'

 

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'भारतीय सेना ने हमें कवर दिया'

ऋषि भट्ट ने आगे बताया, 'जब 8-10 मिनट बाद फायरिंग थोड़ी रुकी तो हम मेन गेट की तरफ भागने लगे। फिर से फायरिंग शुरू हो गई और 4-5 लोगों को गोली लगी। हमारे सामने 15-16 पर्यटकों को गोली लगी। जब हम गेट पर पहुंचे तो देखा कि स्थानीय लोग जा चुके थे। एक टट्टू गाइड हमें वहां से ले गया। हमें जल्द ही भारतीय सेना के जवान भी मिल गए। उन्होंने सभी पर्यटकों को कवर दिया। सेना ने पहलगाम 20-25 मिनट में कवर कर लिया। उन्होंने सभी पर्यटकों को 18-20 मिनट में कवर कर लिया।'

 

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जिपलाइन ऑपरेटर पर जताया शक

उन्होंने कहा, 'जब मैं स्लाइड कर रहा था, तब उसने अल्लाह-हू-अकबर बोला और फिर फायरिंग शुरू हो गई। इसलिए मुझे उस आदमी पर शक है। उसने तीन बार अल्लाह-हू-अकबर कहा और फिर फायरिंग शुरू हो गई। वह आम कश्मीरी जैसा लग रहा था। सेना निचले इलाकों में थी। यहां तक कि जंगल में भी थी। हालांकि, मुख्य जगह पर कोई भी सेना का अधिकारी नहीं था। मेन गेट पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ तीन सिक्योरिटी गार्ड भी मौजूद थे।'

 

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22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला

22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में हमला किया था। आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इसमें एक कश्मीरी युवक भी था। चश्मदीदों ने दावा किया है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी। जांच एजेंसियों को मानना है कि इस हमले को 5-7 आतंकियों ने अंजाम दिया था। इस हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। पहलगाम को दहलाने वाले आतंकी अब तक फरार हैं।

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