• MUMBAI
28 Dec 2025, (अपडेटेड 28 Dec 2025, 7:10 AM IST)
BMC चुनाव को लेकर BJP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना में सीट बंटवारे पर अभी भी खींचतान चल रही है। अजीत पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार। फाइल फोटो। Photo Credit: PTI
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के चुनाव से पहले ही महायुति दो खेमे में बंट गया है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच अनबन की खबरें, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही आ रहीं थीं, अब एनसीपी ने भी अलग राह पकड़ ली है। एक तरफ जहां सीट बंटवारे के लिए बीजेपी और शिवसेना में खींचतान मची है, अजीत पवार, अपनी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के लिए अलग राह देख रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और उनके बीच गठबंधन होगा। मतलब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष साथ मिलकर कैसे चुनाव लड़ रहे हैं।
BMC में कुल 227 सीटें हैं। 15 जनवरी को चुनाव होने वाले हैं। 30 दिसंबर 2025 को नामांकन की आखिरी तारीख है। तारीखें तय हैं लेकिन गठबंधन अभी तक तय नहीं हो पाया है। सत्ताधारी महायुति गठबंधन की दो पार्टियां सीट बंटवारे को लेकर सहमत ही नहीं हो पा रहीं हैं। अजीत पवार तो एकला चलो की राह पर आगे बढ़ गए हैं। विधानसभा और लोकसभा में तस्वीर बिलकुल उलट है। शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी वहां एकजुट हैं। स्थानीय चुनाव में समीकरण अलग हैं।
एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना करीब 100 सीटों पर दावेदारी ठोक रही है। शिवसेना का प्रदर्शन, निकाय चुनाव में शानदार रहा है। BJP सिर्फ 87 सीटें देने को तैयार है, क्योंकि पार्टी ने खुद 100 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रख रही है। मुंबई BJP अध्यक्ष अमित साटम ने कहा कि 207 सीटों पर सहमति हो गई है। BJP 128 और सेना 79। बाकी 20 सीटों पर विपक्ष के उम्मीदवारों के आधार पर फैसला होगा।
शिवसेना और बीजेपी में कहां फंस रही है बात?
BJP उन 7-8 सीटों पर दावा कर रही है जो 2017 में अविभाजित शिवसेना ने जीती थीं। BJP को लगता है कि वहां उनकी जीत की संभावना ज्यादा है, लेकिन शिंदे की शिवसेना का दावा है कि उन कॉर्पोरेटरों ने जोखिम लेकर उनकी पार्टी जॉइन की थी, उन्हें धोखा नहीं दे सकते। बीएमसी में अविभाजित शिवसेना का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। 2022 से पहले तक तस्वीर ही अलग थी, शिवसेना हावी थी। अब हालात बदल गए हैं। बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है। सीट बंटवारे पर सहमति बन नहीं पा रही है, इसलिए दोनों पार्टियां अभी उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक नहीं कर रही हैं।
बीएमसी के कुछ उम्मीदवारों को दोनों दलों ने निर्देश दिया है कि अपने दस्तावेज तैयार करें। 30 दिसंबर को नामांकन के बाद पूरी लिस्ट और सीट बंटवारे का एलान होगा, जिससे टिकट न मिलने वाले लोग बगावत न कर पाएं। ठाणे और मीरा-भायंदर जैसे दूसरे शहरों में भी BJP और शिंदे सेना में सीटों पर झगड़ा चल रहा है।
अजीत पवार को तन्हा क्यों छोड़ दिया गया?
अजित पवार की NCP को सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल ही नहीं किया गया। BJP को नवाब मलिक पर ऐतराज है। नवाब मलिक वही हैं, जो जेल की सैर कर चुके हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में वह विवादित रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि नवाब मलिक ही मुंबई चुनाव के प्रभारी बनाए हैं। NCP अब अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है और करीब 100 उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। NCP नेता सुनील तटकरे ने कहा कि शनिवार रात आखिरी मीटिंग होगी और रविवार को फैसला घोषित करेंगे।
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार। Photo Credit: ANI
नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से जुड़े जमीन सौदे और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। 2022 में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। यह मामला अभी कोर्ट में है। बीजेपी इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखती है। बीजेपी नवाब मलिक को दाऊद का एजेंट तक कहती है। अजीत पवार गुट में नवाब मलिक सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं। बीजेपी उनके नाम पर एनसीपी से बचती है। मुंबई के चुनाव में इस वजह से एनसीपी अलग-थलग पड़ रही है। नवाब मलिक ने भी देवेंद्र फडणवीस पर ड्रग तस्करी से जुड़े आरोप लगाए थे। अब दोनों में राजनीतिक रंजिश भी है।
महायुति बंटी, क्या महा विकास अघाड़ी एक हो पाया?
महा विकास अघाड़ी में भी अनबन अब सार्वजनिक है। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना को शिवसेना (UBT) से कुछ सीटें मिल रही हैं, लेकिन MNS नेता शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें मजबूत सीटें नहीं दी जा रहीं। शिवसेना (UBT) नेता अनिल परब कहते हैं कि गठबंधन लगभग फाइनल है और शरद पवार की NCP(SP) को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस पहले से ही इस मेल-जोल से बाहर है। 30 दिसंबर नामांकन की आखिरी तारीख है। 2 दिन बचे हैं लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग पर बात ही नहीं बन पाई है।