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आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ छोड़ी IAS, कांग्रेस में शामिल हुए गोपीनाथन

साल 2019 में IAS से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथन अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वह लंबे समय से अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं।

kannan gopinathan joins congress

कन्नन गोपीनाथन को कांग्रेस में शामिल कराते केसी वेणुगोपाल और पवन खेड़ा, Photo Credit: Congress

भारतीय सिविल सेवा (IAS) छोड़ चुके कन्नन गोपीनाथन सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ विरोध दर्ज कराने वाले गोपीनाथन ने तब इस फैसले पर सवाल उठाते हुए IAS से इस्तीफा दे दिया था। अब कांग्रेस में शामिल होते समय गोपीनाथन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरते हुए कहा कि बीजेपी सरकार जिस दिशा में देश को ले जाना चाहती है, वह ठीक नहीं है। कन्नन गोपीनाथन लंबे समय से ईवीएम और VVPAT पर भी सवाल उठाते आ रहे हैं। अब उनका कहना है कि जिस दिशा में देश को जाना चाहिए, उस दिशा में कांग्रेस ही ले जा सकती है, इसलिए वह कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

 

इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने भी बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया। पवन खेड़ा ने कहा, 'कन्नन गोपीनाथन जी, 2012 बैच के IAS अधिकारी रहे। जिस समय देश में बोलना लगभग नामुमकिन था, तब उन्होंने आवाज उठाई। गोपीनाथन जी ने VVPAT के मुद्दे पर भी खुलकर बोला। कई FIR और तमाम कार्रवाई झेलीं, लेकिन वे डरे और झुके नहीं। आखिर में उन्होंने ऐसी नौकरी छोड़ दी, जिसे सब हासिल करना चाहते हैं।'

 

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क्या बोले गोपीनाथन?

 

कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने कहा, 'मैंने 2019 में नौकरी से इस्तीफा दिया और तब यह पता था कि सरकार देश को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वह रास्ता गलत है। मुझे यह भी पता था कि इस 'गलत' के खिलाफ लड़ना है। इस फैसले के बाद मैं देश के 80-90 जिलों में गया, लोगों से बातचीत की और तमाम नेताओं से मुलाकात की। मुझे समझ आया कि कांग्रेस पार्टी ही इस देश को सही दिशा में ले जा सकती है। हम बहुत समय बाद प्रजा से नागरिक बने थे, क्योंकि हमें सवाल पूछने का हक है। मगर हमने यह भी देखा कि इस सरकार में जो भी सवाल पूछता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है। मुझे काफी वक्त लगा लेकिन खुशी है कि आज मैं कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हूं और मुझे पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।'

 

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साल 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला हुआ था और इसी के बाद गोपीनाथन ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में जब कोरोना की महामारी शुरू हुई तो केंद्र सरकार ने उन्हें तत्काल सर्विस में लौटने का आदेश जारी किया था। इस पर गोपीनाथन ने कहा था कि वह काम तो करेंगे लेकिन एक अफसर के रूप में नहीं, एक समाजसेवी के रूप में। बाद में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया था।

कौन हैं कन्नन गोपीनाथन?

 

मूलरूप से केरल के निवासी कन्नन गोपीनाथन साल 2012 बैच में IAS अधिकारी बने थे। BITS पिलानी से पढ़े गोपीनाथन IAS बनने से पहले प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहे थे। AGMUT काडर के अधिकारी गोपीनाथन साल 2018 में चर्चा में आए थे। तब वह केरल आए थे और बाढ़ के बीच बचाव कार्य में जुट गए थे। वह चुपचाप अपने काम में जुटे हुए थे लेकिन एर्नाकुलम के कलेक्टर मोहम्मद वाई सफिरुल्ला उन्हें पहचान लिया था। समाज सेवा में जुटे गोपीनाथन को इस मामले में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।

 

दादरा नगर हवेली में कलेक्टर रहे गोपीनाथन साल 2018 की बाढ़ के दौरान एक करोड़ का चेक देने आए थे लेकिन वहीं रुक गए और 8 दिन तक लोगों की मदद की।

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