भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में लौट आए हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। अब पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की है। उपेंद्र कुशवाहा के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पवन सिंह ने एक ट्वीट में लिखा है कि ये तस्वीरें देखकर जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज सांप लोट रहा होगा।
चर्चा थी कि पवन सिंह अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, जब मंगलवार की सुबह पवन सिंह दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा के घर पहुंचे तो उनके साथ बीजेपी नेता ऋतुराज सिन्हा और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी थे। इस मौके पर विनोद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह बीजेपी में हैं और बीजेपी में ही रहेंगे। पवन सिंह ने भी उपेंद्र कुशवाहा से अपने गिले-शिकवे मिटाते हुए उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। अब चर्चा है कि पवन सिंह एनडीए के लिए प्रचार करने के अलावा खुद भी विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।
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क्या बोले पवन सिंह?
तीनों नेताओं से मुलाकात की तस्वीरें शेयर करते हुए पवन सिंह ने लिखा है, 'जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पे आज ई फोटो देख के सांप लोट रहा होगा लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वे कब तक एक-दूसरे से दूर रह सकते हैं। आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाकात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।'
पवन सिंह लंबे समय से राजनीति से दूर चल रहे थे। हालांकि, जैसे-जैसे विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे थे, पवन सिंह के बारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। हां, इतना जरूर तय लग रहा था कि पवन सिंह विधानसभा चुनाव में जरूर सक्रिय होंगे। कुछ दिनों पहले तक वह टीवी शो 'राइज एंड फॉल' में गए थे लेकिन वह शो बीच में ही छोड़कर लौट आए।
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पवन सिंह vs उपेंद्र कुशवाहा
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे पवन सिंह बाद में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ गए थे। इसी के चलते बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। उनके चुनाव लड़ने का नतीजा यह हुआ कि काराकाट से उफेंद्र कुशवाहा भी लोकसभा का चुनाव हार गए और यहां से सीपीआई (माले) के उम्मीदवार को जीत मिल गई थी। तब से ही पवन सिंह बीजेपी से दूर चल रहे थे और पार्टी के मंचों पर भी कभी नहीं दिखते थे।
हालांकि, अब वह बीजेपी में फिर से लौट आए हैं। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर ली है। ऐसे में यह निश्चित है कि अब वह एनडीए की रैलियों और रोडशो में स्टार प्रचारक के रूप में नजर आने वाले हैं।