नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसमें एआईएडीएमके महासचिव महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (EPS), पूर्व मंत्री केपी मुनुसामी, डिंडीगुल सी श्रीनिवासन, एसपी वेलुमणि और पार्टी के सांसद शामिल थे। अगले साल तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। अमित शाह ने भाजपा और एआईएडीएमके के बीच सहयोग और समन्वय पर जोर दिया। आठ सदस्यीय एआईएडीएमके प्रतिनिधिमंडल से 30 और ईपीएस के साथ 15 मिनट तक बातचीत चली। इस बीच अभिनेता विजय की टीवीके पार्टी पर भी चर्चा हुई।
टीटीके दिनाकरण और उनकी पार्टी अम्मा मुनेत्र मक्कल कड़गम (AMMK) अभी NDA से बाहर है। उनके वापसी के संकेत मिलने लगे हैं। बीजेपी चाहती है कि टीटीके दिनाकरण और ओ पन्नीरसेल्वम को आगे लाया जाए। इसके अलावा भाजपा अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कड़गम के साथ भी गठबंधन चाहती थी। मगर विजय ने अकेले चुनाव लड़ने की ऐलान किया है।
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भाजपा की मंशा है कि ओ. पन्नीरसेल्वम, टीटीके दिनाकरन और वीके शशिकला की एआईएडीएमके में वापसी हो। मगर अभी तक सहमति नहीं बनी है। एआईएडीएमके नेता सेंगोट्टैयन भी भाजपा नेतृत्व के संपर्क में है। पलानीस्वामी और उनके बीच रस्साकशी जगजाहिर है। पार्टी नेताओं को बहाल करने के लिए सेंगोट्टैयन ने पलानीस्वामी को 10 दिन का नोटिस जारी किया था। मगर पलानीस्वामी ने उससे पहले ही सेंगोट्टैयन और उनके समर्थकों को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। अब सेंगोट्टैयन का कहना है कि तमिलनाडु में डीएमके को एकजुट होकर ही हराया जा सकता है। उन्होंने तीनों पूर्व एआईएडीएमके नेताओं की वापसी की वकालत की।
एआईएडीएमके को तय करना है: अन्नामलाई
केंद्रीय मंत्री अमित शाह और पलानीस्वामी के बीच हुई मुलाकात पर तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई है? इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। अगर ईपीएस ने एक टिप्पणी की तो अमित शाह ने भविष्य की टिप्पणी की। यह उन नेताओं के लिए है, जिन्होंने स्पष्ट करने के लिए एक-दूसरे से बात की। एआईएडीएमके के बारे में मैं लगातार कह रहा हूं कि यह उन्हें तय करना है कि वै कैसे जाना चाहते हैं।'
ओ. पन्नीरसेल्वम, टीटीके दिनाकरन और वीके शशिकला की वापसी के मुद्दे पर अन्नामलाई ने दावा किया कि भाजपा ने किसी पार्टी के मामले में कोई दखल नहीं दिया है। हमने कभी नहीं बताया कि पार्टी को कैसे चलाना है? न हमने ऐसा किया है और न करेंगे। एनडीए को बेहतर बनाया जा सकता है। एआईएडीएमके को कैसे बनना है। यह उनके पार्टी के नेताओं को तय करना है। अब साफ है कि मैदान में चार खिलाड़ी हैं। डीएमके एक दुर्जेय गठबंधन के साथ है। उसके खिलाफ सत्ता विरोध लहर है। सीएम फेस के तौर पर एनडीए पलानीस्वामी के साथ है। टीवीके के संस्थापक विजय भी अकेले मैदान में हैं।
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सुलह के मूड में क्यों नहीं पलानीस्वामी?
एआईएडीएमके महासचिव महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी शशिकला, टीटीके दिनाकरन और ओ पन्नीरसेल्वम को पार्टी का दुश्मन बता चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह समझौता नहीं करेंगे। मगर बीजेपी का पूरा फोकस चुनाव से पहले इन नेताओं को गठबंधन में शामिल करने पर है। ईपीएस को डर है कि अगर इन नेताओं को पार्टी में शामिल किया गया तो पार्टी का नियंत्रण उनके हाथ से जा सकता है। पलानीस्वामी चाहते हैं कि भाजपा इन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करे। मगर अभी तक बात बनती नहीं दिख रही है।