इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान को रामपुर के क्वॉलिटी बार जमीन मामले में जमानत दे दी। उनके वकील मोहम्मद खालिद ने कहा कि अब कोई ऐसा मामला नहीं है जिसमें उन्हें जेल में रहना पड़े। आज तक, सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद यह फैसला सुनाया। इस फैसले के साथ ही आजम खान को सभी लंबित मामलों में जमानत मिल गई है, जिससे उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। इस घटनाक्रम से रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मचने की संभावना है, क्योंकि आजम खान का इस क्षेत्र में काफी प्रभाव है।
इससे पहले, आजम खान ने रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन 17 मई 2025 को उनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट में उनके वकील, इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद, ने उनकी ओर से मजबूती से पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया, लेकिन 21 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब, हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए आजम खान को जमानत दे दी।
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आजम खान के वकील ने कहा, ‘यह मामला एक सोसाइटी से जुड़ा था, जिसके पास क्वॉलिटी बार नाम की एक इमारत और कुछ जमीन थी। आरोप था कि 2013 में, जब आजम खान कैबिनेट मंत्री थे, उन्होंने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया और सोसाइटी पर दबाव डालकर यह जमीन अपने परिवार के सदस्य को पट्टे पर दिलवा दी। लेकिन हकीकत यह थी कि सोसाइटी स्वतंत्र थी, उसने टेंडर निकाला था, और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला उनका परिवार, उनकी पत्नी थी, इसलिए उन्हें जमीन दी गई। यह 2013 का मामला है। 2019 में इसके खिलाफ FIR दर्ज हुई, और 2024 में और जांच हुई, जिसमें उन्हें आरोपी बनाया गया। हमने कोर्ट में सारे तथ्य रखे... और आज इस मामले में भी जमानत मिल गई। अब कोई ऐसा मामला नहीं है जिसमें उन्हें जेल में रहना पड़े। आज तक, सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। इस प्रक्रिया में दो-तीन दिन लग सकते हैं। अभी कोई और मामला बाकी नहीं है…’
क्या था मामला?
यह मामला 2019 का है, जब 21 नवंबर को क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा ने शिकायत दर्ज की थी। आरोप था कि रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे पर सईद नगर हरदोई पट्टी में स्थित क्वालिटी बार की जमीन पर जबरन कब्जे की कोशिश की गई। इस मामले में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। जांच के दौरान मोहम्मद आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, उनके बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान और तत्कालीन चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को आरोपी बनाया गया।
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आरोपों के अनुसार, आजम खान ने 2013 में कैबिनेट मंत्री रहते हुए अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर इस जमीन को अपने परिवार के सदस्य को पट्टे पर दिलवाया था। हालांकि, आजम खान के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि यह सोसाइटी ऑटोनॉमस थी और उसने टेंडर प्रक्रिया के तहत जमीन आवंटित की थी, जिसमें उनकी पत्नी ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी। इस तरह, यह मामला 2013 का है, लेकिन 2019 में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई और 2024 में आगे की जांच में आजम खान को आरोपी बनाया गया।