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क्यों चंदन है भगवान शिव को प्रिय, इस पौराणिक कथा से जानिए

भगवान शिव की उपासना में चंदन का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं क्या इससे जुड़ी पौराणिक कथा और इससे जुड़ी मान्यताएं।

Image of Bhagwan Shiv

भगवान शिव की प्रतिमा।(Photo Credit: Freepik)

भगवान शिव को सृष्टि के संहारक के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों में भगवान शिव पूजा कई पद्धतियां बनाई गई है। उनकी पूजा में चंदन का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेलपत्र के साथ चंदन चढ़ाने का विधान हर भक्त को शिव के करीब ले जाता है। यह मान्यता क्यों है कि भगवान शिव को चंदन अत्यंत प्रिय है? इसके पीछे एक प्राचीन पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।

पौराणिक कथा: चंदन और शिव का संबंध

प्राचीन समय की बात है, जब त्रिपुर नामक तीन राक्षसों- तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली ने कठिन तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया था। इस वरदान के कारण वे अजेय हो गए और उन्होंने देवताओं और ऋषियों को परेशान करना शुरू कर दिया। उनके अत्याचारों से त्रस्त होकर सभी देवता भगवान शिव की शरण में पहुंचे।

 

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भगवान शिव ने इन राक्षसों का अंत करने का निश्चय किया। उन्होंने महादेव रूप धारण कर, अपना त्रिशूल और धनुष तैयार किया। जब शिव ने अपना दिव्य धनुष उठाया, तो यह इतना शक्तिशाली था कि इससे उत्पन्न गर्मी ने प्रकृति में असंतुलन पैदा कर दिया। इस गर्मी से जंगल सूखने लगे, नदियां सूखने लगीं और ऋषि-मुनि परेशान हो गए।

 

देवताओं ने इस संकट को शांत करने के लिए ब्रह्माजी से उपाय पूछा। ब्रह्मा ने देवताओं को सलाह दी कि वे शिव की पूजा में चंदन का उपयोग करें। इसके पीछे कारण यह था कि चंदन में शीतलता और शांति प्रदान करने का अद्भुत गुण होता है।

शिव का चंदन प्रेम

देवताओं ने चंदन को शिवलिंग पर चढ़ाया और भगवान शिव की पूजा की। चंदन की शीतलता ने शिव की तप्त ऊर्जा को संतुलित कर दिया और उनके क्रोध का ताप शांत हो गया। इसके बाद शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया और संसार में शांति स्थापित की। तभी से यह परंपरा बनी कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चंदन का प्रयोग किया जाए।

 

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चंदन का प्रतीकात्मक महत्व

चंदन को शांति, शीतलता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव, जो ध्यान और योग के देवता हैं, उनकी ऊर्जा को संतुलित करने में चंदन अहम भूमिका निभाता है।

 

चंदन का उपयोग शिवलिंग पर करने से भक्तों के मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह शिव के आध्यात्मिक और तपस्वी स्वरूप के साथ उनकी करुणा और दया का भी प्रतीक है।

 

चंदन का प्राकृतिक गुण शारीरिक और मानसिक ताप को कम करता है, जो शिव की भक्ति के माध्यम से भक्तों को आंतरिक शांति देता है।

चंदन चढ़ाने की परंपरा और लाभ

आज भी शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने की परंपरा अनवरत जारी है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी है। चंदन के शीतल गुण शरीर और मस्तिष्क को शांत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर चंदन चढ़ाते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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