भारत का पड़ोसी देश नेपाल न केवल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, बल्कि यह देश देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। नेपाल आज भी अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूती से संजोए हुए हैं। खासकर भगवान शिव से जुड़े मंदिर यहां विशेष महत्व रखते हैं। काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर सिर्फ नेपाल ही नहीं बल्कि पूरे हिंदू धर्म के सबसे पवित्र धामों में से एक माना जाता है। यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल यह मंदिर नेपाल की अर्थव्यवस्था और पर्यटन के प्रमुख स्रोत्र के रूप में माना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, जहां आर्थिक चुनौतियां और रोजगार की कमी जैसी समस्याएं सामने हैं, वहां धार्मिक पर्यटन लोगों के लिए आशा की किरण बना हुआ है। सावन और महाशिवरात्रि जैसे पर्वों पर नेपाल में शिव मंदिरों के बाहर अपार भीड़ उमड़ती है, जिससे स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों और होटल व्यवसायियों को बड़ा सहारा मिलता है।
पशुपतिनाथ के अलावा डोलेश्वर महादेव (भीमेश्वर), हलेसी महादेव (खोटांग) जिसे ‘पूर्व का पशुपतिनाथ’ कहा जाता है और बोलबम धाम (रूपन्देही) अपनी अलग धार्मिक महत्ता रखते हैं। बोलबम धाम में 108 शिवलिंगों के दर्शन के लिए श्रावणी मेले में नेपाल और भारत से हजारों भक्त पहुंचते हैं।
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नेपाल के प्रमुख शिव मंदिर
पशुपतिनाथ मंदिर (काठमांडू)
- नेपाल का सबसे पवित्र और प्रसिद्ध शिवालय, बैग्मती नदी के किनारे पर स्थित है।
- इसका इतिहास प्राचीन वेदों से जुड़ा माना जाता है।
- महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक, व्रत और ध्यान के लिए आते हैं।
डोलेश्वोर महादेव मंदिर (भक्तपुर)
- यह मंदिर पारंपरिक कथाओं के अनुसार केदारनाथ के सिर का अवशेष माना जाता है, इसलिए इसे तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है।
- श्रावण और महाशिवरात्रि पर यहां विशेष पूजा और रुद्राभिषेक होते हैं, जो भक्तों को शिव ऊर्जा का अनुभव कराते हैं।
गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर (काठमांडू)
- बैग्मती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर पितृपूजन (पूर्वजों के लिए श्राद्ध) के लिए सबसे प्रमुख स्थल में से एक माना जाता है।
- यह मंदिर अपनी न्यारी वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
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हलेसी महादेव मंदिर (पूर्वी नेपाल)
- यह मंदिर प्राकृतिक गुफा स्थल में स्थित है और इस मंदिर को 'पूर्व का पशुपतिनाथ' भी कहा जाता है।
- इस स्थान को भगवान शिव की तपोस्थली के रूप में भी माना जाता है ।
- दो पवित्र नदियों दूध कोशी और सुन कोशी के बीच स्थित इस मंदिर को आध्यात्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत महत्व दिया जाता है।
कैलाशनाथ महादेव (सांगा, काठमांडू के बाहर)
- यह मंदिर नहीं, बल्कि यहां विश्व की दूसरा सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा स्थित है।
- महाशिवरात्रि पर यहां का उत्सव और दर्शन बहुत प्रमुख होते हैं।
बोलबम धाम, रूपन्देही
- इस मंदिर में 108 शिवलिंग स्थित हैं।
- मान्यता है कि इस स्थान पर नेपाल का पहला शिवलिंग स्थापित किया गया है।
शम्भुनाथ मंदिर, सप्तरी
- यह मंदिर नेपाल के प्यूठान जिले में पहाड़ी पर स्थित है, जिसे स्वर्गद्वारी भी कहते हैं ।
- यह स्थान हिमालय की गोद में ऊंचाई पर शांति का अनुभव कराता है, साथ ही प्रकृति से जुड़ी मनमोहकता से भरा हुआ है