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भगवान शिव के भूतनाथ मंदिर की कथा, जहां होती हैं अजीबो-गरीब घटनाएं

भगवान शिव के कई रहस्यमई मंदिरों में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित भूतनाथ मंदिर भी एक है। कहते हैं यहां कई अजीबो गरीब घटनाएं होती हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में।

Image of Bhootnath Mandir

भूतनाथ मंदिर।(Photo Credit: rishikeshphotography/Instagram)

भारत में भगवान शिव को समर्पित कई तीर्थ स्थल और मंदिरों का उल्लेख धर्म-ग्रंथों में मिलता है। ये मंदिर अपनी पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक आस्था के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो अपने रहस्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक अनूठा मंदिर उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित है, जो भूतनाथ मंदिर नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि अपनी अद्भुत और रहस्यमयी घटनाओं के कारण भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

भूतनाथ मंदिर का पौराणिक इतिहास

भूतनाथ मंदिर की मान्यता भगवान शिव के अघोरी रूप से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जब भगवान शिव माता सती के वियोग में दुखी होकर कैलाश से चले थे, तब वे इस स्थान पर भी कुछ समय के लिए रुके थे। यही कारण है कि इस मंदिर को महादेव के विशेष तपस्थली के रूप में जाना जाता है।

 

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एक अन्य कथा के अनुसार, इस स्थान पर शिव ने अपने गणों (भूत-प्रेतों) के साथ कुछ समय व्यतीत किया था। इसलिए इस मंदिर का नाम ‘भूतनाथ’ पड़ा। मान्यता यह भी है कि यहां पर विशेष तांत्रिक शक्तियों का वास है और यही वजह है कि कई भक्तों को यहां अनोखे अनुभव होते हैं।

मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी घटनाएं

लोक मान्यताओं के अनुसार, भूतनाथ मंदिर में कई बार अजीबो-गरीब घटनाएं घटती हैं, जिन्हें कई स्थानीय लोगों ने अनुभव किया है या इसके विषय में अपने पूर्वजों से सुनते आए हैं। 

कहा जाता है कि जब मंदिर में कोई नहीं होता, तब भी यहां घंटियों के बजने की आवाजें आती हैं, जैसे कोई शिव की आराधना कर रहा हो। ऐसा होने के पीछे अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। साथ ही कुछ भक्तों ने यह भी बताया है कि उन्होंने मंदिर के अंदर किसी अदृश्य शक्ति की उपस्थिति महसूस की है।

 

स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार ऐसा देखा गया है कि मंदिर में जलने वाले दीपक बिना किसी बाहरी शक्ति के अपने-आप जल जाते हैं। इसके साथ मंदिर की ऊपरी मंजिल को रहस्यमयी माना जाता है, जहां रात के समय जाने से मना किया जाता है। कहा जाता है कि यहां भूत-प्रेतों और शिव गणों की ऊर्जा सक्रिय रहती है।

मंदिर का धार्मिक महत्व और पूजा-विधि

भूतनाथ मंदिर में विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सोमवती अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इन दिनों यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और कई भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाते हैं।

 

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श्रद्धालु मंदिर में दूध, बेलपत्र, धतूरा, और भांग अर्पित करते हैं, क्योंकि ये सभी भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। यह भी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहां शिव जी की पूजा करता है, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

भूतनाथ मंदिर से जुड़ी मान्यताएं और विश्वास

भूतनाथ मंदिर को लेकर कई मान्यताएं हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि इस मंदिर की ऊर्जा इतनी शक्तिशाली है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को सकारात्मकता का अनुभव होता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह स्थान तंत्र-मंत्र साधना के लिए उपयुक्त है और यहां कई सिद्ध तांत्रिक साधना करने आते हैं। कई श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि मंदिर में आने से मन को शांति मिलती है और यह स्थान उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो मानसिक रूप से परेशान होते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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