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दीपावली की रात में आंखों में काजल क्यों लगाते हैं?

दीपावली के दिन रात के समय आंख में दीया से बने काजल लगाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। आइए जानते हैं इस परंपरा से जुड़ी कहानी क्या है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo Credit: AI

भारत में दीपावली का पर्व न केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, बल्कि इसमें कई ऐसी परंपराएं भी शामिल हैं जिनके पीछे गहरे धार्मिक और पौराणिक अर्थ छिपे हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है, दीपावली की रात काजल लगाना। हर साल दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है, उसी रात महिलाएं, पुरुष और बच्चे अपनी आंखों या कान के पीछे काजल लगाते हैं।

 

माना जाता है कि यह परंपरा बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीपावली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस रात स्वयं को और अपने घर को शुद्ध, प्रकाशमय और सुरक्षित रखना शुभ माना जाता है। 

 

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दीपावली की रात काजल लगाने का महत्व

दीपावली रोशनी का त्योहार है। इस दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत का संदेश दिया जाता है। पूजा के बाद दीपक की लौ से जो काजल बनता है, उसे बहुत शुभ माना जाता है। यह काजल नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाने वाला माना जाता है।

काजल लगाने के पीछे की वजह

बुरी नजर से बचाव:

 

मान्यता के अनुसार, दीपावली की रात को ऊर्जा का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। माना जाता है कि दीपक की लौ से बना काजल बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है। इसलिए इस रात बनाया गया काजल बच्चों और परिवार के सदस्यों की आंखों या माथे पर लगाया जाता है।

 

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शुभता और समृद्धि का प्रतीक:

 

यह काजल अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संकेत देता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति दीपावली की रात यह काजल लगाता है, उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।

 

आंखों की सुरक्षा:

 

पहले के समय में लोग काजल को आंखों की सुरक्षा के लिए भी लगाते थे। दीपक और पटाखों के धुएं से आंखों को तकलीफ न हो, इसके लिए यह एक प्राकृतिक बचाव का तरीका माना जाता था।

 

पारिवारिक परंपरा:

 

कई घरों में दीपावली पूजा के बाद दीपक से ही काजल बनाया जाता है। इसे घर के सभी सदस्यों को लगाया जाता है। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और इसे घर की सुरक्षा और शुभता से जोड़ा गया है।

इससे जुड़ी धार्मिक कथा

एक प्रचलित कथा के अनुसार, दीपावली की रात कुछ नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। मान्यता के अनुसार, दीपक की लौ से बना काजल व्यक्ति को इन बुरी शक्तियों से बचाता है। माना जाता है कि दीपक की रोशनी और उस रोशनी से बना काजल देवी लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक होता है।

 

एक अन्य मान्यता यह है कि जो दीपक लक्ष्मी पूजा में जलता है, उसमें देवी की दिव्य शक्ति समाई होती है। उसी दीपक की कालिख से बना काजल व्यक्ति को नजर दोष और अशुभ प्रभाव से बचाता है।

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