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किन चीजों के बिना अधूरी है भगवान विष्णु की पूजा, जानें नाम और विशेषता

भगवान विष्णु की उपासना के लिए एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं, भगवान विष्णु की उपासना में किन किन चीजों का होता है इस्तेमाल।

AI Image of Bhagwan Vishnu

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: AI Image)

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एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना करते हैं और व्रत रखकर अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। पूजा में कई महत्वपूर्ण वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, जिनका अपना धार्मिक महत्व होता है।

एकादशी पूजा सामग्री

एकादशी के दिन प्रातःकाल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। पूजा के लिए एक पवित्र स्थान का चयन किया जाता है, जहां भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है। इस दिन भगवान को पीले वस्त्र और पीले फूल विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय होता है। पूजा की शुरुआत जल, अक्षत (चावल), पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करने से की जाती है।

 

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तुलसी के पत्तों का इस दिन विशेष महत्व होता है। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय मानी जाती हैं, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाया जाता है। बिना तुलसी के पत्तों के भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके अलावा, पंचामृत का प्रयोग भी किया जाता है, जिसमें दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल मिलाया जाता है। इससे भगवान का अभिषेक किया जाता है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं।

 

इसके बाद भगवान को भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन सात्विक भोजन का ही उपयोग किया जाता है और व्रतधारी अन्न का सेवन नहीं करते। भगवान विष्णु को फल, मिठाई और विशेष रूप से माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है। नारियल, केले और अन्य फलों को भी प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है।

 

पूजा में शंख और घंटी का उपयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शंखध्वनि से वातावरण पवित्र होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

 

एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम, श्रीमद्भगवद्गीता और अन्य विष्णु स्तोत्रों का पाठ किया जाता है। कुछ भक्त पूरे दिन भजन-कीर्तन करते हैं और रात्रि जागरण करके भगवान का ध्यान करते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

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एकादशी के व्रत में नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। इस दिन झूठ, क्रोध, निंदा और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा और नियमपूर्वक एकादशी का व्रत करता है, उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।


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