logo

ट्रेंडिंग:

नवरात्रि में कैसे करें मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा? वैदिक विधि जानिए

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्तव होता है। नवरात्रि में कई लोग नई मूर्तियों की स्थापना अपने घरों में या फिर मंदिरों में करते हैं। ऐसे में देवी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की सही विधि पता होना जरूरी है।

Navratri

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: PTI

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो आज से शुरू हो चुकी है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग नवरात्रि का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है और नौ दिन नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान घरों, मंदिरों या पंडालों में देवी की मूर्ति स्थापित की जाती है। मूर्ति को स्थापित करने से पहले उसमें प्राण प्रतिष्ठा करना जरूरी होता है। ऐसे मौके पर यह जानना जरूरी है कि प्राण प्रतिष्ठा की विधि क्या होती है और देवी की मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद पूजा कैसे की जाती है। 

 

नवरात्रि में कई लोग अपने घरों में माता की मूर्ति की स्थापना करते हैं और इस मूर्ति की पूरे साल तक पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन से ही माता की मूर्ति की विशेष पूजा की जाती है। हर दिन मां की मूर्ति की पूजा करके आरती और भोग लगाया जाता है। नवरात्रि में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद इसकी दोबारा से प्राण प्रतिष्ठा करने की जरूरत नहीं होती। 

 

यह भी पढ़ें: नवरात्रि: कलश स्थापना कैसे करें, कब है शुभ मुहूर्त?

क्या है प्राण प्रतिष्ठा?

हिंदू धर्म में प्राण प्रतिष्ठा एक विशेष अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान में किसी मूर्ति में उस देवता या देवी का आह्वान कर उसे पवित्र या दिव्य बनाया जाता है। अगर इस शब्द का शाब्दिक अर्थ समझें तो प्राण का अर्थ है जीवन और प्रतिष्ठा का अर्थ है स्थापना। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है जीवन की स्थापना यानी मूर्ति में देवी या देवता की स्थापना। 

 

शास्त्रों के अनुसार, जब किसी प्रतिमा में एक बार प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है तो वह प्रतिमा एक देवता में बदल जाती है। हम उस देवता की पूजा कर सकते हैं। मस्त्य पुराण, नारद पुराण जैसे पुराणों में प्राण प्रतिष्ठा का वर्णन किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा में मंत्रो का जाप, अनुष्ठान और अन्य धार्मिक प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं। 

कैसे करें प्राण प्रतिष्ठा?

सबसे पहले जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करनी है उसको गंगाजल या अन्य पवित्र नदियों के पानी स्नान कराया जाता है, फिर साफ कपड़े से मूर्ति को पोछकर नए कपड़े पहनाए जाते हैं। मूर्ति के सामने आसन पर बैठकर शुद्धिकरण की प्रक्रिया की जाती है। यज्ञ के कलश से जल लेकर मूर्ति पर छिड़काव किया जाता है। मूर्ति के सामने बैठकर मंत्र का उच्चारण करें।

 

ॐ आपोहिष्ठा मयोभुवः, ता न ऊर्जे दधातन। महेरणाय चक्षसे।
ॐ यो वः शिवतमो रसः, तस्य भाजयतेह नः। उशतीरिव मातरः।
ॐ तस्माऽअरंगमाम वो, यस्य क्षयाय जिन्वथ। आपो जनयथा च नः।

 

इसके बाद मूर्ति में प्राण आवाहन करना होता है। इसके लिए आप श्रद्धा से हाथ जोड़कर प्राण आवाहन मंत्र का जाप कर सकते हैं। 

 

यह भी पढ़ें: नवरात्रि: 9 दिन, 9 देवियों की आराधना कैसे करें?

 

ॐ प्राणमाहुर्मातरिश्वानं, वातो ह प्राण उच्यते।
प्राणे ह भूतं भव्यं च, प्राणे सर्वं प्रतिष्ठितम्॥ -अथर्व० ११.४.१५
ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं, षं सं हं लं क्षं हं सः। अस्याः गायत्रीेदेवीप्रतिमायाः, प्राणाः इह प्राणाः। ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं, षं सं हं लं क्षं सः। अस्याः प्रतिमायाः, जीव इह स्थितः। ॐ आं ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं, षं सं हं लं क्षं सः। अस्याः प्रतिमायाः सर्वेन्द्रियाणि, वाङ् मनस्त्वक् चक्षुः श्रोत्रजिह्वा घ्राणपाणिपादपायूपस्थानि, इहैवागत्य सुखं चिरं तिष्ठन्तु स्वाहा।

 

इसके बाद मूर्ति को साफ वस्त्र धारण करवाए जाते हैं और श्रृंगार किया जाता है। इस दौरान देवी की वंधना के भजन चलते रहने चाहिए। यह सब प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जिस मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की गई है उस मूर्ति की इष्ट भाव से पूजा करें। इसके बाद मूर्ति के सामने से पर्दा हटाकर दर्शन करने के लिए सभी को बुलाया जाता है और आरती की जाती है। आरती के बाद सभी लोग दर्शन करें माता का आशीर्वाद लें और इस दौरान नीचे दिए गए मंत्र का जाप करते रहें। अंत में सभी को चरणामृत देकर प्रतिष्ठान को समाप्त किया जाता है। 

 

यह भी पढ़ें: नवरात्रि 2025: जानें कलश स्थापना विधि, व्रत नियम और मुहूर्त


ॐ नमस्ते देवि गायत्रि! सावित्रि! त्रिपदेऽक्षरे। अजरे अमरे मातः, त्राहि मां भवसागरात्।
नमस्ते सूर्यसंकाशे, सूर्यसावित्रिकेऽमले। ब्रह्मविद्ये महाविद्ये, वेदमातर्नमोऽस्तु ते॥
अनन्तकोटिब्रह्माण्ड- व्यापिनि ब्रह्मचारिणि। नित्यानन्दे महामाये, परेशानि नमोऽस्तु ते॥ 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap