तंत्र साधना के लिए मशहूर मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, PM मोदी ने की पूजा
आज नवरात्रइ के पहले दिन पीएम मोदी त्रिपुरा में स्थित मां त्रिपुर सुंदरी के पुनर्विकसित मंदिर का उद्घाटन करेंगे। यह मंदिर 15वीं शताब्दी में बनाया गया था। जानिए इस मंदिर के रोचक तथ्य।

त्रिपुर सुंदरी मंदिर, Photo Credit: Social Media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (22 सितंबर) को अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने त्रिपुर सुंदरी मंदिर के दोबारा से विकसित किए गए स्वरूप का उद्घाटन किया। इस मंदिर का इतिहास करीब 524 साल पुराना है। यह मंदिर त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा धन्या माणिक्य ने 1501 में किया था और यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस मां सती के चरण यहां गिरे थे। इस मंदिर में तांत्रिक साधना का भी बहुत महत्व है।
नवरात्रि के पहले दिन पीएम मोदी इस मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना करेंगे। इस मंदिर में 51 शक्तिपीठ पार्क भी बनाया जा रहा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाह ने कहा कि इस परियोजना से यह धाम न केवल श्रद्धा का केंद्र बनेगा बल्कि त्रिपुरा के टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा। इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मां त्रिपुरा सुंदरी को 16 साल की एक युवती का रूप माना जाता है। इस मंदिर को तंत्र विद्या के लिए भी एक आदर्श स्थान माना जाता है।
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প্রিয় প্রধানমন্ত্রীকে ভব্য স্বাগতম জানাতে সেজে উঠেছে মন্দির নগরী উদয়পুর।#TripuraWelcomesPMModiJi#MataBariteModi pic.twitter.com/SKQeCaAQNp
— Prof.(Dr.) Manik Saha (@DrManikSaha2) September 22, 2025
त्रिपुर सुंदरी मंदिर का इतिहास
त्रिपुर सुंदरी मंदिर का निर्माण 1501 में महाराजा धन्या माणिक्य ने करवाया था। शुरुआत में यह मंदिर भगवान विष्णु का था लेकिन बाद में इसे त्रिपुर सुंदरी के मंदिर में बदल दिया गया। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। महाराजा धन्या माणिक्य को देवी मां दुर्गा सपने में दिखाई दी थीं और उन्होंने महाराजा को आदेश दिया था कि उन्हें उनके सबसे सुंदर रूप में इसी मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाए। इसके बाद राजा ने मंदिर में देवी त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति की स्थापना करवाई।
A divine start to a historic day. Hon’ble PM Shri @narendramodi ji will offer prayers today at the sacred Maa Tripurasundari Temple, one of the 51 Shakti Peethas. A moment that glorifies our spiritual heritage with pride. pic.twitter.com/FXkFA2d1ol
— Prof.(Dr.) Manik Saha (@DrManikSaha2) September 22, 2025
यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। जब माता सती ने अपने पति भगवान शिव का अपमान देखकर यज्ञ में कूदकर अपनी जान दे दी थी तो जब भगवान शिव उन्हें अपनी गोद में उठाकर लेकर गए तो उनके शरीर के अंग अलग-अलग जगहों पर गिर गए थे। मान्यता है कि माता सती के पैर का एक हिस्सा यहीं गिरा था। इस मान्यता से इस जगह का आध्यात्मिक महत्व और ज्यादा बढ़ गया। इस मंदिर को बंगाली एक रत्न शैली में बनाया गया है।
देवी त्रिपुर सुंदरी के बारे में रोचक तथ्य
देवी त्रिपुर सुंदरी को मां दुर्गा का सबसे सुंदर रूप माना जाता है। कहा जाता है कि देवी की उम्र सिर्फ 16 साल है। इसलिए इन्हें षोडशी यानी 16 साल की भी कहा जाता है। देवी त्रिपुर सुंदरी को भगवान शिव की अर्धांगिनी भी माना जाता है। देवी त्रिपुर सुंदरी के बारे में षोडशी तंत्र में जानकारी मिलती है। इस तंत्र के अनुसार, देवी त्रिपुर सुंदरी भगवान शिव के नेत्रों की ज्योति हैं।
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क्यों कहा जाता है कुर्भपीठ?
इस मंदिर को कुर्भपीठ भी कहा जाता है। इस मंदिर को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह मंदिर जिस ऊंचे टीले पर स्थित है वह कछुए की उभरी हुई पीठ की तरह दिखता है। इसलिए यह मंदिर देवी पूजा के लिए विशेष तंत्र साधना के लिए आदर्श माना जाता है। इस मंदिर में कई तांत्रिक तंत्र विद्या सीखने आते हैं। हर साल नवरात्रि के समय इस मंदिर में विशाल मेला और उत्सव किया जाता है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों की इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
Experience the divine aura of Udaipur's Mata Tripurasundari Temple, one of the 51 Shakti Peethas! This sacred shrine is a symbol of devotion and faith for millions.
— Prof.(Dr.) Manik Saha (@DrManikSaha2) September 22, 2025
The temple complex has been transformed into a world-class facility under the PRASAD Scheme, blending… pic.twitter.com/miJBovjku5
देवी के नाम पर पड़ा त्रिपुरा का नाम?
देवी त्रिपुर सुंदरी को त्रिपुरा राज्य के धार्मिक जीवन का एक अभिन्न अंग माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि त्रिपुरा राज्य का नाम देवी त्रिपुर सुंदरी के नाम पर ही पड़ा है। माना जाता है कि 16 साल की युवती के रूप में देवी त्रिपुरी भक्तों को आध्यात्मिक पथ पर चलाती हैं। त्रिपुर सुंदरी को संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रशिक्षक भी कहा जाता है।
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प्रसाद योजना के तहत हुआ विकास?
इस मंदिर का विकास तीर्थयात्रा और विरासत बुनियादी ढांचे का विकास (PRASAD) योजना के तहत किया गया है। केंद्र सरकार ने यह योजना तीर्थ-यात्रा और धार्मिक विरासत को बचाने के लिए चलाई है। त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पुनर्विकास की कुल लागत करीब 52 करोड़ से ज्यादा है। इसमें 7 करोड़ रुपये का योगदान त्रिपुरा सरकार ने दिया है। इस मंदिर के पुनर्विकास से राज्य के टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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