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कुंडलपुर: जहां जन्मे भगवान महावीर, कहानी बिहार के उस तीर्थ की

बिहार में स्थित कुंडलपुर जैन धर्म के लिए पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। मान्यता के अनुसार, यही वह स्थान है जहां भगवान महावीर का जन्म हुआ था।

Mahaveer swami mandir

कुंडलपुर में स्थित महावीर भगवान का मंदिर: Photo Credit: Wikipedia

बिहार के नालंदा जिले में स्थित कुंडलपुर जैन तीर्थ एक ऐसा पवित्र स्थल है, जहां आस्था, इतिहास और आध्यात्मिकता एक साथ मिलते हैं। यह वही स्थान माना जाता है, जहां जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ था। इसी वजह से यह स्थल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है। कुंडलपुर न केवल एक धार्मिक तीर्थ है, बल्कि यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है, जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

 

कुंडलपुर का महत्व सिर्फ भगवान महावीर के जन्मस्थल के रूप में नहीं, बल्कि जैन धर्म के गहन आध्यात्मिक इतिहास के रूप में भी देखा जाता है। यहां स्थित मंदिरों में अद्भुत कलाकारी देखने को मिलती है, जिनमें संगमरमर और जैसलमेर पत्थर से बनी प्रतिमाएं जैन स्थापत्य की समृद्ध परंपरा का परिचय देती हैं। मंदिर परिसर में भगवान महावीर, आदिनाथ और अन्य तीर्थंकरों की भव्य प्रतिमाएं स्थापित हैं।

 

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कुंडलपुर की विशेषता और पवित्रता की वजह

  • जैन सम्प्रदाय के अनुसार, माना जाता है कि कुंडलपुर में महावीर स्वामी (24वें तीर्थंकर) का जन्म हुआ था। 
  • इसके अलावा, यहां उनके प्रमुख शिष्यों (गणाधरों) में से कई का जन्म या निर्वाण माना जाता है, जैसे गौतम स्वामी आदि। 
  • मंदिर परिसर में लगभग छह प्रमुख मंदिर हैं और एक अलग भवन में 72 जिनों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। 

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कुंडलपुर से जुड़ी पौराणिक कथा और मान्यता

कहा जाता है कि कुंडलपुर लिच्छवि राजवंश की प्राचीन राजधानी भी रही थी और यह धार्मिक योग से संपन्न क्षेत्र था। जैन धर्मग्रंथों के अनुसार, महावीर स्वामी ने अपनी जन्मभूमि के रूप में यहां कर्म और तपस्या-कथाओं को अंजाम दिया। इस स्थान की पवित्रता इसी वजह से जैनआस्था में विशेष है। तीर्थयात्रियों का विश्वास है कि यहां दर्शन-पूजन से मोक्ष-मार्ग में सहायक श्रेय मिलता है। 

मंदिर एवं स्थापत्य की विशेषताएं

  • यहां पर नए मंदिर परिसर का निर्माण जैन समाज के लोगों ने 2000 के दशक में हुआ है जिसमें जैसलमेर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। 
  • प्राचीन मंदिर 'सिंहमुखी तीला' नामक स्थल पर स्थित है और वहां 4.5 फुट ऊंची भगवान महावीर की प्रतिमा स्थित है। 
  • कुंडलपुर तीर्थ में धर्मशाला सहित भोजनालय और दर्शन-सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

यहां तक कैसे पहुंचें?

नजदीकी एयरपोर्ट: कुंडलपुर से नजदीकी एयरपोर्ट पटना है, जो यहां से करीब 110 किमी दूर है। 

नजदीकी रेलवे स्टेशन: नालंदा या राजगीर रेलवे स्टेशन के बाद सड़क के रास्ते 15 से 20 मिनट में पहु्ंचा जा सकता है। 

सड़क मार्ग: बिहारशरीफ, नालंदा, राजगीर से नियमित बस और टैक्सी उपलब्ध हैं।

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