युवराज सिंह की तहर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर निक मैडिन्सन कैंसर को हराकर जल्द क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने वाले हैं। इसका खुलासा खुद उन्होंने शुक्रवार (17 अक्टूबर) को किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए 3 टेस्ट और 6 टी20 मैच खेल चुके मैडिन्सन ने बताया कि इस साल की शुरुआत में उन्हें टेस्टिकुलर कैंसर का पता चला था। इसके बाद उन्होंने कीमोथेरेपी करवाई थी, जिससे उन्हें कैंसर से लड़ने में मदद मिली। अब वह पूरी तरह से इस गंभीर से उबर चुके हैं और मैदान पर वापसी करने के लिए तैयार हैं।
फेफड़ों तक फैल गया था कैंसर
33 साल के मैडिन्सन ने कहा कि उन्हें इस साल मार्च में न्यू साउथ वेल्स टीम से बाहर होना पड़ा था। उन्हें चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने मैडिन्सन के हवाले से लिखा, 'जब मुझे पता चला कि मुझे कीमोथेरेपी करवानी है, तो इससे निपटना मेरे लिए काफी मुश्किल था। यह मेरे पेट के लिम्फ नोड्स और फेफड़ों के कुछ हिस्सों में फैल गया था। यह मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण समय था।'
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RCB के लिए खेल चुके हैं मैडिन्सन
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2014 और 2015 सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए तीन मैच खेलने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, 'दूसरे या तीसरे सप्ताह तक मेरे सारे बाल झड़ गए। मैं अब काफी सामान्य महसूस कर रहा था। मैं इसके दुष्प्रभावों से निपटने के लिए तरह-तरह के स्टेरॉयड (दवा) ले रहा था लेकिन इससे मैं रात भर सो नहीं पता था।' उन्होंने कहा, 'मैं लगभग एक बजे तक सोता था। मगर कभी-कभी मैं सुबह छह बजे तक जागा रहता था। मुझे यह मुश्किल लग रहा था। मैं बहुत थक गया था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे चौबीसों घंटे सोना ही है। ये नौ सप्ताह मेरे लिए काफी मुश्किल भरे रहे थे।'
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मैडिन्सन ने शुरू की प्रैक्टिस
कीमोथेरेपी से मैडिन्सन को काफी फायदा हुआ और वह अपने क्रिकेट करियर को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने गुरुवार को न्यू साउथ वेल्स टीम के साथियों के साथ मैदान पर अभ्यास शुरू किया। उन्होंने कहा, 'मुझे यह जानकर बहुत डर लगा कि कम उम्र में ही मैं इस बीमारी की चपेट में आ गया और फिर यह मेरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल गई। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर आपको किसी बात की चिंता है, तो उसकी जांच करवाना बहुत जरूरी है।'
मैडिन्सन ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत अक्टूबर 2013 में भारत के खिलाफ राजकोट में की थी। उन्होंने टी20I मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा। इसके 3 साल बाद मैडिन्सन ने टेस्ट डेब्यू किया। उनका इंटरनेशनल करियर भले ही उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम हैं।