भारतीय बैडमिंटन के लिए यह साल उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कई प्रमुख खिलाड़ियों को फॉर्म हासिल करने के लिए जूझना पड़ा लेकिन लक्ष्य सेन का एक खिताब, सात्विक-चिराग का वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतना और युवा खिलाड़ियों की शानदार प्रगति ने उम्मीद की किरण भी जगाई। भारतीय खिलाड़ियों को इस साल फिटनेस से जुड़ी समस्याओं से भी जूझना पड़ा, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा।
इस सीजन में भारतीय खिलाड़ियों की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत उपलब्धि लक्ष्य सेन की ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में खिताबी जीत रही। लक्ष्य ने 2023 में कनाडा ओपन के बाद पहली बार सुपर 500 खिताब जीता और पिछले साल दिसंबर में सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 जीतने के बाद यह उनका पहला खिताब था। हांगकांग ओपन में वह उपविजेता रहे थे। सात्विक और चिराग ने सीजन की शुरुआत में चोट और बीमारी से जूझने के बावजूद भारत की प्रमुख युगल जोड़ी के रूप में अपनी स्थिति को फिर से स्थापित किया।
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सात्विक-चिराग का अच्छा रहा सफर
सात्विक-चिराग की जोड़ी ने पेरिस में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता, हांगकांग ओपन और चीन मास्टर्स के फाइनल में जगह बनाई और BWF वर्ल्ड टूर फाइनल्स के नॉकआउट चरण में पहुंचने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनकर साल का सकारात्मक अंत किया। किदाम्बी श्रीकांत ने इस सीजन में वापसी की झलक दिखाई लेकिन वह कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाए।
मलेशिया मास्टर्स और सैयद मोदी इंटरनेशनल में उपविजेता रहकर उन्होंने पुराने दिनों की याद दिलाई। मगर लंबे समय से चले आ रहे खिताब के सूखे को खत्म नहीं कर सके। सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गायत्री गोपीचंद और त्रीसा जॉली ने महिला युगल खिताब को डिफेंड किया।
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युवाओं ने जगाई आस
भारतीय बैडमिंटन में साल 2025 में सबसे उत्साहजनक संकेत युवा पीढ़ी से मिले। 20 साल के आयुष शेट्टी ने अमेरीकी ओपन सुपर 300 जीता और BWF वर्ल्ड टूर प्रतियोगिताओं में लगातार अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने जापान के कोदाई नाराओका, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन लोह कीन यू, चीनी ताइपे के चाउ टिएन चेन और कनाडा के ब्रायन यांग पर भी यादगार जीत दर्ज की, जिससे उनकी शानदार प्रगति का पता चलता है।
सोलह साल की तन्वी शर्मा ने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में लड़कियों के एकल वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। उन्होंने अमेरिकी ओपन के फाइनल में भी जगह बनाई थी और सैयद मोदी इंटरनेशनल में पूर्व वर्ल्ड नंबर एक खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराकर इस सीजन की सबसे शानदार जीत में से एक हासिल की। तन्वी ने गुवाहाटी मास्टर्स में उपविजेता रहकर साल का समापन किया।
उन्नति हुडा ने वर्ल्ड जूनियर टीम चैंपियनशिप में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह ओडिशा मास्टर्स सुपर 100 का खिताब जीतकर वर्ल्ड रैंकिंग में 23वें स्थान पर पहुंच गईं। चीन मास्टर्स में पीवी सिंधू पर उनकी जीत ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। गुवाहाटी मास्टर्स में संस्कार सारस्वत ने अपना पहला सुपर 100 खिताब जीता।
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सिंधु के लिए निराशाजनक रहा साल
भारत के सीनियर खिलाड़ियों के लिए हालांकि साल 2025 काफी हद तक निराशाजनक साबित हुआ। दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट सिंधु तीन बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं लेकिन उन्हें छह बार पहले राउंड में और चार बार दूसरे राउंड में ही हार का सामना करना पड़ा। साल की शुरुआत में हैमस्ट्रिंग की समस्या ने उनके अभियान को बाधित किया, जिसके बाद पैर में चोट लगने के कारण उन्हें अक्टूबर के बाद सभी BWF कम्पटीशन्स से नाम वापस लेना पड़ा।
साल 2023 के वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एचएस प्रणय के लिए यह सीजन और भी कठिन रहा। चोटों ने उनके प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित किया। जनवरी में इंडिया ओपन में टखने की चोट और सितंबर में कोरिया ओपन में पसली की मांसपेशियों में लगी चोट के कारण वे नियमित रूप से अभ्यास नहीं कर पाए, जिससे उन्हें नौ बार दूसरे राउंड से और आठ बार पहले राउंड से बाहर होना पड़ा। भारत ने टीम कम्पटीशन्स में भी निराशाजनक प्रदर्शन किया। एशिया मिक्स्ड टीम चैंपियनशिप और सुदीरमन कप में भारत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।