संजय सिंह। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद कांग्रेस नेताओं की बैठक दिल्ली में बुलाई गई। इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को उस बैठक से अलग रखा गया, जबकि कटिहार के सांसद तारिक अनवर इस बैठक में मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत होने से पहले ही बिहार कांग्रेस के दो नेता संदीप कुमार सिंह और जितेंद्र यादव आपस में उलझ गए। दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया।
इस बैठक में चुनाव लड़ रहे 61 नेताओं को बुलाया गया था। प्रत्याशियों के अलावा कटिहार के सांसद तारिक अनवर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। चुनाव हारे नेताओं का कहना था कि सीट शेयरिंग मामले में ज्यादा देरी हुई। इस कारण विरोधियों ने मतदाताओं में कई तरह के भ्रम फैलाए। प्रत्याशियों ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा रोजगार शुरू करने के लिए जीविका दीदियों के खाते में दस दस हजार रुपये डाले गए। इसका भी गलत प्रभाव वोटरों के बीच पड़ा। कुछ प्रत्याशियों ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत भी रखी।
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अधिकांश नेता संतुष्ट नजर आए
पार्टी नेताओं ने सभी बातों को ध्यान से सुना। इसी बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ नेताओं द्वारा बिहार में 43 लोगों के खिलाफ चल रही अनुशासनात्मक कार्रवाई का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने इस कारवाई से अपने को अनजान बताया। राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को पूरे मामले को सुलझाने का निर्देश दिया। बैठक के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता संतुष्ट नजर आए।
विरोधियों ने आरजेडी की बिगाड़ी छवि
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल लगातार दो दिनों से हार की समीक्षा कर रहे हैं। समीक्षा के दौरान मगध और सारण प्रमंडल के हारे हुए नेताओं ने बताया कि भ्रामक प्रचार के कारण पार्टी उम्मीदवारों की हार हुई है। विरोधियों ने सोची समझी साजिश के तहत वोटरों के मन में यह बात बैठा दी कि आरजेडी की छवि दबंग वाली है, अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी। इसके अलावा महागठबंधन में शामिल दलों के बीच समन्वय की भी कमी रही।
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मालूम हो कि 2020 के चुनाव में मगध और सारण प्रमंडल में राष्ट्रीय जनता दल को शानदार जीत मिली थी। आरजेडी को यह भरोसा था कि इन दोनों प्रमंडल में चुनाव में बेहतर करेंगे, लेकिन दोनों प्रमंडलों में आरजेडी की बुरी तरह हार हुई। इस बीच आरजेडी के नेता और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कल किसी को कुछ बताए बिना दिल्ली रवाना हो गए। सोमवार को उनकी पत्नी और बच्चे दिल्ली गए थे। अचानक दिल्ली जाने के कार्यक्रम को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू
राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के समाप्त होते ही अब पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत चुनाव 2026 में होना है। राज्य सरकार की योजना है कि इस बार पंचायत चुनाव मल्टी पोस्ट ईवीएम से होगा। पंचायत चुनाव दस चरणों में होगा। आरक्षण श्रेणी में बदलाव करने की चर्चा है। प्रत्येक दस साल के बाद क्रमिक बदलाव होता है। पंचायत चुनाव में मशीन से वोगस वोटिंग भी रोकी जाएगी।