महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार का शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह महिला आईपीएस अफसर अंजना कृष्णा से फोन पर बातचीत करके उन्हें धमका रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडियो में अजित पवार की हुई फजीहत के बाद वह आज ही बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें उन्होंने अपनी तरफ से सफाई दी है और कहा कि वह पुलिस बल और उसके महिला अधिकारी का बहुत सम्मान करता हूं।
दरअसल, अजित पवार का शुक्रवार को जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें वह साफ तौर पर अंजना कृष्णा को डांटते हुए सुनाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो में अजित पवार आईपीएस अफसर अंजना कृष्णा को फोन कर उन्हें 'कार्रवाई रोकने' का आदेश दे रहे हैं। उनका वीडियो वायरल होने के बाद महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। विपक्ष ने उनकी आलोचना की है।
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अजित पवार ने सफाई में क्या कहा?
अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी सफाई देते हुए कहा, 'सोलापुर में पुलिस अधिकारियों के साथ मेरी बातचीत से संबंधित कुछ वीडियोज की ओर मेरा ध्यान आकर्षित हुआ है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरा इरादा कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप करने का नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि जमीनी स्तर पर स्थिति शांत रहे और आगे न बिगड़े।'
महिलाओं का सम्मान करता हूं- अजित
उन्होंने आगे कहा, 'मैं अपने पुलिस बल और उसके अधिकारियों, जिनमें महिला अधिकारी भी शामिल हैं जो विशिष्टता और साहस के साथ सेवा करती हैं, का बहुत सम्मान करता हूं और मैं कानून के शासन को सबसे ऊपर रखता हूं। मैं पारदर्शी शासन के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हूं कि रेत खनन सहित हर अवैध गतिविधि से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाए।'
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इससे पहले एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे ने सफाई देते हुए कहा था कि 'अजित दादा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए आईपीएस अफसर को फटकार लगाई होगी। उनका इरादा कार्रवाई को पूरी तरह से रोकने का नहीं था।'
आखिर हुआ क्या था?
यह मामला महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के माधा तालुका के कुर्दु गांव का है। गांव में संगमरमर के खनन के लिए खुदाई चल रही थी। तभी मौके पर आईपीएस अफसर अंजना कृष्णा पहुंच गईं। मामला 31 अगस्त का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गांव में जब अंजना कृष्णा पहुंची तो उन्होंने खुदाई कर रहे लोगों से रसीद मांगी। रसीद नहीं देने पर उन्होंने खुदाई करने से मना किया।
इसके बाद गांव के सरपंच और एनसीपी (अजित पवार) के तालुका अध्यक्ष बाबा जगताप ने सीधे डिप्टी सीएम अजित पवार को फोन लगा दिया। इसके बाद अजित पवार ने फोन पर अंजना कृष्णा को कार्रवाई रोकने का आदेश दिया और उन्हें धमकाया।