संजय सिंह। बिहार की पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए उप मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी लगातार कोई न कोई नया कदम उठा रहे हैं। अब घर बैठे लोग थाने में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। कोर्ट पर बढ़ते मुकदमे के बोझ को कम करने के लिए पूरे राज्य में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का भी निर्णय लिया है।
पहले पुलिसवाले थाने में शिकायत दर्ज करने से आना कानी करते थे। शिकायतकर्ता को बेवजह दौड़ाया जाता था। हाल ही में कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक मनोहर सिंह ने विधानसभा में यह मामला उठाया था कि पुलिसवाले बिना पैसा लिए एफआईआर दर्ज नहीं करते हैं। इसपर उप मुख्यमंत्री का जवाब था कि आप प्रमाण दें। संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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नागरिक सेवा पोर्टल लांच
इस पोर्टल के लॉन्च होने के बाद लोगों को थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पुलिस सेवाओं को आम लोगों तक सीधे पहुंचाने के लिए नागरिक सेवा पोर्टल क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम लॉन्च किया है। अब राज्य के हर नागरिक को पुलिस से जुड़ी सभी सेवाएं घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगा।
निशुल्क मिलेगी एफआईआर की कॉपी
पहले सामान्य लोगों के लिए एफआईआर दर्ज कराना मुश्किल होता था। अगर एफआईआर दर्ज हो भी गई तो उसकी कॉपी लेने के लिए थाने का चक्कर लगाना पड़ता था। अब लोगों को इस झंझट से मुक्ति मिल गई है। अब आमलोग भी नागरिक पोर्टल से ऑनलाइन ई शिकायत दर्ज करा सकेंगे। यह शिकायत खुद व खुद सीधे संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारी या अन्य पदाधिकारियों के पास चला जाएगा।
शिकायतकर्ता यह जान सकेंगे कि किस पदाधिकारी ने उनके आवेदन को कितने दिन अपने पास रखा और क्या कारवाई हुई। इसके लिए पोर्टल पर ई शिकायत आइकॉन बनाया गया है। सभी विवरण भरने और सबमिट करने के बाद शिकायतकर्ता को रेफरेंस नंबर मिलेगा। पोर्टल के माध्यम से शिकायतकर्ता एफआईआर की कॉपी भी निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। लोगों को इस पोर्टल से सीधे 28 तरह की सुविधाएं मिलेगी।
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घरेलु नौकर और किरायेदार का सत्यापन
पहले लोग घरेलु नौकर, ड्राइवर या किरायेदार का सत्यापन कराने से परहेज करते थे। उन्हें इस बात का डर रहता था कि पुलिस के चक्कर में पड़ने से उनकी परेशानी बढ़ेगी, लेकिन इस नए पोर्टल के लॉन्च होने से लोग अब ऑनलाइन सत्यापन करा पाएंगे। इसके लिए अब उन्हें थाने जाने की जरूरत नहीं है। शिकायत करने से लेकर उसकी प्रोग्रेस तक सबकुछ रियल टाइम में दिखेगा। इससे अब देरी, बहानेबाजी और जानबूझकर लंबित रखने की पुरानी थानेदार संस्कृति पर सीधा वार होगी।
बनेंगे 100 नए ट्रैक कोर्ट
पुलिस और अपराधियों पर अंकुश के साथ-साथ न्याय व्यवस्था में भी सुधार की जरूरत है। समय से न्याय नहीं मिलने के कारण लोगों के मन में असंतोष बढ़ता है। बिहार के विभिन्न न्यायालयों में 18 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। परिणाम स्वरूप दोषी लोगों को समय पर सजा नहीं मिल पाती है। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि जल्द ही 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट राज्य में काम करेंगे। इससे संवेदनशील प्रकृति के मामले को सुलझाने में सुविधा होगी।
जानकारी के अनुसार पटना में 8, जबकि गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में 4-4 अदालतें स्थापित की जाएगी। इधर नालंदा, सासाराम, छपरा, बेगूसराय, हाजीपुर, मोतिहारी, समस्तीपुर और मधुवनी में 3-3 फास्ट ट्रैक अदालतें बनाई जाएंगी। अन्य बचे जिलों में 2-2 अदालतें संचालित होगी। इससे न्यायालय पर से मुकदमे का बोझ कम होगा और लोगों को समय पर न्याय मिलेगा।