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सिगरेट बट और कॉल रिकॉर्डिंग ने कैसे सुलझाई डबल मर्डर मिस्ट्री? पढ़ें

सितंबर 2020 के डबल मर्डर के तीन आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामला पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का है। इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में सिगरेट बट और कॉल रिकॉर्डिंग अहम सबूत साबित हुई।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में हुए डबल मर्डर के तीन आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया है। दिलचस्प बात है कि सिगरेट बट के DNA एनालिसिस की वजह से इस डबल मर्डर के पीछे इन तीनों आरोपियों के शामिल होने का पता चला। 3 मार्च को जिले की बारासात अदालत ने तीनों को दोषी ठहराया।


मामला लगभग साढ़े 4 साल पुराना था। 16 सितंबर 2020 को जिले के हाबड़ा में एक घर में राम कृष्णा और उनकी पत्नी लीला रानी मंडल की हत्या हो गई थी। क्राइम सीन से पुलिस को सिगरेट के बट्स मिले थे, जिनका DNA एनालिसिस किया गया। यही सिगरेट बट्स इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में अहम सबूत साबित हुए। 


मामले में कोर्ट ने राम कृष्णा और लीला रानी के दामाद बंटी संधू, बेटी निवेदिता संधू और शूटर अजय दास को दोषी ठहराया है। बंटी और निवेदिता ने अजय दास को हायर किया था। कोर्ट ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

 

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ऐसे सुलझी मर्डर मिस्ट्री

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, क्राइम सीन से मिले सिगरेट बट्स का जब DNA एनालिसिस किया गया तो वह दो आरोपियों के सैंपल से मैच हो गया।


पुलिस ने बताया कि अजय दास के मोबाइल से एक ऑडिया रिकॉर्डिंग भी मिली, जिससे पता चला कि बंटी संधू और निवेदिता संधू ने इस मर्डर को किस तरह प्लान किया था।


पुलिस के मुताबिक, फोरेंसिक जांच में आरोपियों की आवाज उस फोन रिकॉर्डिंग से मैच हो गई थी। पुलिस ने बताया कि शूटर अजय दास को धोखाधड़ी का शक था, इसलिए उसने इससे बचने के लिए कॉल रिकॉर्ड किया था।

 

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हत्या का मकसद क्या था?

पुलिस के मुताबिक, बंटी और निवेदिता पर 7 लाख रुपये का कर्ज था। इस कर्ज को चुकाने के लिए दोनों राम कृष्णा और लीला रानी पर अपनी संपत्ति बेचने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, राम कृष्णा और लीला रानी ने संपत्ति बेचने से इनकार कर दिया। 


जांच में सामने आया कि संपत्ति बेचने से इनकार करने के बाद बंटी और निवेदिता ने उनकी हत्या की साजिश रची। बंटी ने 50 हजार रुपये में अजय दास को उनकी हत्या की सुपारी दी। अजय दास पेशे से ड्राइवर है। बंटी ने अजय दास को छत के जरिए घर में घुसाया। अजय ने जब राम कृष्णा और लीला रानी को गोली मारी, तब बंटी और निवेदिता घर पर ही थे। बाद में बंटी ने अपने पड़ोसियों को फंसाने की साजिश भी रची। हालांकि, सिगरेट बट और कॉल रिकॉर्डिंग से उनका भांडा फूट गया।


पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान अजय दास के पास से जो हथियार मिला था, वह राम कृष्णा और लीला रानी के शरीर में मिले बुलेट हेड से मेल खाते थे।

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