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'बुरी आदतों की डेंटिंग-पेटिंग करवानी पड़ती है,' बरेली झड़प पर योगी

बरेली झड़प के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कानून-व्यवस्था को हाथ लेने वालों को चेतावनी दी।

CM Yogi Adityanath.

सीएम योगी आदित्यनाथ। (Photo Credit: PTI)

उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदर्शनकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 'विकसित उत्तर प्रदेश' कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलवी तौकीर रजा पर निशाना साधा।

 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'आज से आठ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के अंदर वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना करना भी एक सपना था। आपने देखा होगा कि जब भी पर्व और त्योहारों आते थे, उत्पात शुरू हो जाता था। अब उत्पाती और उपद्रवियों को सात पीढ़ियां याद आएंगी। कभी-कभी लोगों की बुरी आदतें जाती नहीं हैं। उसके लिए उनकी कायदे से डेंटिग-पेंटिंग करवानी पड़ती है, जिससे हम उनकी बुरी आदतों को ठीक कर सकें।' 

 

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'मौलाना भूल गया, किसका शासन है'

योगी ने आगे कहा, 'यही डेंटिंग-पेंटिंग आप ने बरेली के अंदर देखा। वो मौलाना भूल गया कि शासन किसका है? वो यह मानता था कि धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा, कर्फ्यू भी नहीं लगेगा, लेकिन कर्फ्यू का सबक तुमको ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएंगी।' 

 

हमने कर्फ्यू नहीं लगने दिया: योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाया कि यह क्या तरीका है, 'आप सिस्टम को ब्लॉक करना चाहते हैं। 2017 से पहले यूपी में यही होता था। हम यह कह सकते हैं कि 2017 के बाद हमने कर्फ्यू नहीं लगने दिया, लेकिन ऐसे बैरियर को चुन-चुनकर उसी भाषा में समझते है, जो जिस भाषा में समझता है। उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी यही से शुरू होती है।'

बिना अनुमति सड़क पर उतरी भीड़

बरेली में शुक्रवार को नमाज के बाद पुलिस की भीड़ से झड़प हुई थी। मौलाना तौकीर रजा ने आखिरी वक्त पर प्रदर्शन को कैंसिल कर दिया था। उनका तर्क था कि पुलिस ने अनुमति नहीं दी है। इसी बात पर भीड़ नाराज थी। डीआईजी अजय कुमार साहनी का कहना है कि वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। 

 

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जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने बताया कि बीएनएसएस की धारा 163 लागू है। इसके तरहत किसी भी मार्च और प्रदर्शन से पहले लिखित अनुमति जरूरी है। मगर कुछ लोग बिना अनुमति सड़क पर उतरे और शांति भंग करने की कोशिश की। पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। इस बीच यूपी सरकार के सूचना विभाग ने अपने एक बयान में बरेली मामले को सुनियोजित साजिश करार दिया। 

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