राजस्थान के चुरू जिले के साडासर गांव से एक खबर आई है जहां कुछ दलित युवकों को गांव के ठाकुर जी मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके कारण इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। गांव वालों ने थाने के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भानीपुरा थाने में केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस जानकारी के अनुसार, गांव में भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कथा पूरी होने के बाद गांव वाले शोभायात्रा निकालकर ठाकुरजी के मंदिर जा रहे थे। मंदिर प्रवेश के समय 19 साल का कानाराम मेघवाल अपने दोस्त संदीप, मुकेश, विष्णु और कालूराम के साथ मंदिर में दर्शन करने जाने लगा। कानाराम का कहना है कि कुछ लोगों ने उन्हें मंदिर जाने से रोका और उन पर जातिगत टिप्पणी की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि आरोपियों ने दलित होने के कारण मंदिर जाने से रोका और उनके साथ मारपीट भी की।
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इस मामले पर डीएसपी सत्यनारायण गोदारा ने कहा कि मंदिर के एंट्री गेट पर बहुत भीड़ थी और कानाराम और अन्य लोगों को इंतजार करने के लिए कहा गया। इसके बाद दोनों समूहों के बीच बहस शुरू हो गई।
शिकायतकर्ता का आरोप
कानाराम ने आरोप लगाए हैं कि मंदिर में अंदर जाने से रोकने का विरोध किया गया तो गांव के सुरजदास स्वामी, शंकरलाल, हिम्मत कुमार और अनिल ने उनके साथ गाली-गलौज की और थप्पड़-मुक्कों से मारपीट की। कानाराम ने आगे कहा, 'शंकरलाल ने मेरे हाथ पर डंडे से वार किया, जिससे मैं घायल हो गया और जमीन पर गिर गया। इसे देखकर जब लोग वहां इकट्ठा हुए, तब भी वे लोग लगातार धमकी देते रहे कि किसी भी दलित को मंदिर में नहीं घुसने देंगे।'
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पुलिस ने मामला किया दर्ज
पीड़ित कानाराम की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लोगों ने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। घटना के बाद से प्रशासन काफी सतर्क है। स्थिति को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने लोगों को भरोसा दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।