मांड्या के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता शिवराम गौड़ा व वरिष्ठ नेता रंगनाथ को कांग्रेस ने नोटिस जारी किया है। गौड़ा ने बयान दिया था कि कर्नाटक में नवंबर में डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान की अध्यक्षता वाली समिति ने विधायक पूर्व विधायक एलआर शिवरामे गौड़ा को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
नोटिस में कहा गया है कि मीडिया में दिए गए उनके बयान से पार्टी के भीतर भ्रम और अशांति फैलने की संभावना है। यह पार्टी के प्रति अनुशासन का उल्लंघन माना गया है। एआईसीसी ने साफ किया कि कोई भी ऐसा सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए, जिससे पार्टी की एकता को नुकसान पहुंचे। उन्हें इस मामले को गंभीरता से लेने और सात दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण जमा करने का आदेश दिया गया है।
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डीके शिवकुमार ने किया खारिज
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पहले ही राज्य कांग्रेस में फूट की अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि रंगनाथ और शिवराम गौड़ा को अनुशासनात्मक नोटिस जारी किया जाएगा। ये नोटिस उनके हाल के मुख्यमंत्री पद से संबंधित बयानों के कारण हैं। शिवकुमार ने साफ कहा कि नेतृत्व के सवाल पर किसी भी तरह का असंतोष बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिवकुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'पावर शेयरिंग की कोई चर्चा करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री और मैं मिलकर काम कर रहे हैं। हम हाईकमान के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।' उन्होंने एकता का संदेश देते हुए पार्टी की अनुशासनात्मक मंशा भी जाहिर की। विपक्ष पर निशाना साधते हुए, जो 'मुख्यमंत्री बदलाव' की बात को हवा दे रहा है, शिवकुमार ने कहा, 'हमें बीजेपी की बातों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। वे जो चाहें, कह सकते हैं।'
विपक्ष ने उठाए सवाल
उन्होंने दोनों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, 'मैंने हमारे कार्यकारी अध्यक्ष जीसी चंद्रशेखर को निर्देश दिया है कि रंगनाथ और गौड़ा को नोटिस जारी करें। किसी को भी मुख्यमंत्री पद से संबंधित बयान नहीं देना चाहिए।' इस मामले में बीजेपी भी लगातार सवाल उठाती रही है।
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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है, और ऐसे समय में पार्टी के नेताओं द्वारा इस तरह के बयान पार्टी को कमजोर करने का काम करते हैं, साथ ही विपक्ष को भी इससे सवाल उठाने का मौका मिलता है।