613 पद खाली, पास हुए सिर्फ 151, हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर मचा बवाल
हरियाणा में इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती विवादों में फंस गई है। 613 पदों के लिए सिर्फ 151 उम्मीदवार ही पास हुए हैं। इनमें भी ज्यादातर उम्मीदवार बाहरी राज्यों के हैं। उम्मीदवार आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन, Photo Credit: Social Media
हरियाणा में पंचकूला से लेकर सोनीपत-सोनीपत तक युवा बीते कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की ओर से करवाई जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज कैडर) की भर्ती में कथित गड़बड़ी को लेकर किया जा रहा है। पिछले हफ्ते ही HPSC ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए इंग्लिश के पेपर का रिजल्ट जारी किया था। रिजल्ट जारी होने के बाद कुछ ही देर में सामने आया कि जिन लोगों को सिलेक्शन हुआ है, उनमें ज्यादातर हरियाणा से बाहर के अभ्यर्थी हैं। इसके साथ ही 613 पदों के लिए सिर्फ 151 लोगों का ही चयन किया गया है।
रिजल्ट जारी होने के बाद गुस्साए युवाओं ने पंचकूला में स्थित HPSC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। युवाओं ने आरोप लगाए कि 2 दिसंबर को HPSC की ओर से जो रिजल्ट जारी किया गया है , उसमें गड़बड़ है। युवाओं के अनुसार, इस पेपर में ऐसे उम्मीदवारों को भी फेल कर दिया गया है, जो 6 बार नेट की परीक्षा क्वालिफाई कर चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि HPSC की ओर से जारी रिजल्ट के अनुसार, सिर्फ 151 उम्मीदवार ही पास हुए हैं और उनमें भी ज्यादातर हरियाणा से बाहर के हैं।
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समझिए पूरा विवाद
HPSC ने इंग्लिश सब्जेक्ट के 613 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन रिलीज किया था। इस भर्ती के लिए 17 अगस्त को आयोजित किए गए सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट के रिजल्ट को लेकर बवाल हो रहा है। 2 दिसंबर को HPSC ने रिजल्ट जारी किया। इस रिजल्ट के अनुसार, 2143 उम्मीदवारों में से सिर्फ 151 उम्मीदवार ही पास हो सके। HPSC ने 35 प्रतिशत न्यूनतम नंबरों की शर्त रखी थी और यह शर्त सिर्फ 151 युवा ही पूरी कर पाए। रिजल्ट के अनुसार, कुल उम्मीदवारों में से 10 प्रतिशत उम्मीदवार भी इसमें पास नहीं हुए। अगर रिजल्ट में बदलाव नहीं किया जाता तो 75 प्रतिशत सीटें खाली ही रह जाएंगी। इस भर्ती के अगले चरण में अभी इंटरव्यू भी होना है। इंटरव्यू के लिए 1226 उम्मीदवारों को बुलाया जाना था लेकिन अब सिर्फ 151 उम्मीदवार ही इंटरव्यू दे पाएंगे।
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17 अगस्त को हुई थी परीक्षा
इस भर्ती के लिए सब्जेक्ट टेस्ट 17 अगस्त को आयोजित किया गया छा। इस टेस्ट में जून में प्रीलिम्स पास करने वाले 2400 उम्मीदवार शामिल हुए थे। इस परीक्षा में कुल 15 सवाल पूछे गए थे और हर एक सवाल के लिए 10 नंबर निर्धारित किए गए थे। आयोग ने सब्जेक्ट टेस्ट पास करने के लिए कम से कम 35 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी कर दिया था। इस तरह हर एक उम्मीदवार को पास होने के लिए कम से कम 52.5 नंबरों की जरूरत थी लेकिन ज्यादातर छात्र यह बेंचमार्क हासिल नहीं कर पाए।
उम्मीदवारों ने मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठाए और आंसर शीट दिखाए जाने की मांग की। उम्मीदवारों ने सवाल उठाए कि इस परीक्षा में उन उम्मीदवारों को भी फेल कर दिया गया है जिन्होंने UGC-NET की परीक्षा में टॉप किया था और कई ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जो कई बार परीक्षा पास कर चुके हैं।
आरक्षण को लेकर भी उठे सवाल
प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों ने दावा किया कि इस भर्ती के माध्यम आरक्षित कैटगरी के उम्मीदवार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। रिजल्ट के अनुसार, आरक्षित कैटेगरी में, DSC कैटेगरी से एक उम्मीदवार, OSC कैटेगरी से दो, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से छह, BC-A से पांच, BC-B से तीन उम्मीदवार ही इस परीक्षा में सफल हो पाए हैं। यही उम्मीदवार अब फाइनल राउंड यानी इंटरव्यू के लिए योग्य हैं।
इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट हुए उम्मीदवारों में से 88 प्रतिशत उम्मीदवार जनरल कैटेगरी के हैं। आरक्षित श्रेणी में कुछ ही उम्मीदवार क्वालिफाई कर पाएं हैं यानी ज्यादातर रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। उम्मीदवारों ने बताया कि यह बहुत बड़ी गड़बड़ी है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 16 का उल्लंघन है। उम्मीदवारों ने इस मामले में कोर्ट जाने की भी बात कही।
किस कैटेगरी के कितने पोस्ट
- जनरल- 312 पोस्ट (134 पास हुए)
- EWS- 60 पोस्ट (6 पास हुए)
- BCB- 36 पोस्ट ( 5 पास हुए)
- BCA- 85 पोस्ट (3 पास हुए)
- OSC- 60 पोस्ट (3 पास)
- DSC- 60 पोस्ट (1 पास)
आंकड़ों से पता चलता है कि इस भर्ती प्रक्रिया से रिजर्व कैटेगरी के ज्यादातर उम्मीदवार बाहर हो चुके हैं। उम्मीदवारों ने आरोप लगाए कि उनकी कॉपी पारदर्शिता से नहीं चेक की गई है। अगर होती तो इस प्रकार का रिजल्ट नहीं आता। उम्मीदवारों ने बताया कि ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो प्री परीक्षा में टॉप 12 में थे लेकिन मेंस में उन्हें फेल कर दिया गया। उम्मीदवारों ने अपनी कॉपी देखने के लिए आरटीआई भी लगाई है और मांग की कि कॉपी उन्हें दिखाई जाए।
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रिजल्ट में धांधली के आरोप
इस भर्ती में मेंस परीक्षा के पेपर चेकिंग पर सवाल उठा रहे उम्मीदवारों ने HPSC के सचिव मुकेश आहूजा से मिलकर अपनी शिकायतें उन्हें बताई। हालांकि, इस मुलाकात के बाद उम्मीदवारों ने कहा कि उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया गया है और वे अब इस मुद्दे को कोर्ट में ले जाएंगे, क्योंकि इस भर्ती में कैटेगरी रिजर्वेशन के नियमों का पालन नहीं हुआ है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने बताया कि इस बारे में कुछ उम्मीदवारों ने उनसे बात की है। उन्होंने कहा, 'हमने HPSC से इस मामले के बारे में बात की है और जल्द से जल्द सुलझाने के लिए कहा है। आयोग छात्रों की मांगों पर गौर कर रहा है। इस मामले की जांच की जाएगी और उसके बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे।' हालांकि, HPSC के अधिकारियों का कहना है कि मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा की गई लेकिन उसमें कोई कमी नहीं पाई गई है।
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विपक्ष ने लगाए आरोप
अब इस मामले में विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार पर आरोप लगाए कि सरकार हमारे युवाओं को सरकार असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लायक भी नहीं समझती। उन्होंने कहा कि आप युवाओं को मजबूर कर रहे हो कि वे विदेश में जाकर नौकरी करें।
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