चंडीगढ़। राशन वितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। राज्यों ने इसपर काम शुरू कर दिया है। राशन वितरण के दौरान पात्र लोगों को सरकारी सेवा का लाभ मिले और किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसकी तैयारी हरियाणा सरकार ने शुरू कर दी है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हाई पावर परचेज कमेटी (HPPC) ने नई प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीनों की मंजूरी दे दी है। नई मशीनों में फेस रीडिंग और ई-तौल की सुविधा के नए सेगमेंट जोड़े गए हैं। हालांकि इस पूरे हाईटेक सिस्टम पर हर साल सरकार का 10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा।
पहले राशन डिपो पर चलने वाली 2जी मशीनों का किराया महीने का 1250 रुपए था, जो अब प्रति मशीन के हिसाब से सरकार ने तय किया है। अब प्रति कार्ड धारक पर 3.25 रुपए किराया सरकार देगी।
नई पीओएस मशीन में क्या खास होगा?
नई 5जी पीओएस मशीनें फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस स्कैनर से लैस होंगी। इन मशीनों से राशन कार्ड धारकों का फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतलियों और चेहरे की पहचान कर ई-केवाईसी व राशन वितरण प्रक्रिया होगी। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और लाभार्थियों को आसानी से उनका हक का राशन मिल सकेगा। इन मशीनों को सीधे इलेक्ट्रॉनिक वजन मापने से भी जोड़ा गया है। इससे जितना राशन कार्ड धारक को मिलेगा, उसका वजन खुद मशीन में दर्ज होगा, साथ ही उसकी रसीद तुरंत निकल आएगी। रसीद में दिए गए राशन का पूरा ब्यौरा छपा होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
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हाईटेक मशीनों से ये फायदा होगा
डिपो पर घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिले में हर महीने दो बार राशन वितरण किया जाता है। डिपो धारक द्वारा एक दिन पहले ही लोगों को सूचना दे दी जाती है, जिससे लोग सुबह पांच बजे से डिपो पर राशन के लिए पहुंच जाते हैं, जिससे उन्हें लंबी लाइनों से न जूझना पड़े। एक तरफ जहां डिपो संचालकों को सुबह से शाम तक भीड़ का सामना करना पड़ता है। वहीं सर्वर स्लो होने की वजह से लाभार्थियों को कई-कई घंटे लाइनों में लगना पड़ता है। कई बार तकनीकी खराबी से लोग खाली हाथ वापस लौट जाते हैं। नई मशीनों के आने के बाद ये परेशानियां खत्म हो जाएंगी। 5जी तकनीक तेज स्पीड पर काम करेगी।
राज्य में 41 लाख कार्ड धारक
हरियाणा में अभी 41 लाख कार्ड धारक हैं। हालांकि इनमें 26 से 27 लाख लोग ही राशन लेते हैं। राज्य में 9500 राशन डिपो हैं। इन सभी राशन डिपो पर ये पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी। एक राशन कार्ड धारक के एवज में एजेंसी को खाद्य विभाग 3.25 रुपए प्रति कन्ज्यूमर खर्च करेगा। हालांकि एजेंसी पूरे पांच साल तक इन मशीनों का मेंटेनेंस करेगी।
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पंचकूला से CCTV का शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
खाद्य विभाग ने राशन डिपो को हाईटेक करने के लिए हर राशन डिपो पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत पंचकूला से की गई है, यहां दो राशन डिपो पर अभी तक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। यदि यहां ये प्रोजेक्ट सफल रहता है तो पूरे प्रदेश में विभाग इसे शुरू करेगा।